‘ग्लोबल साउथ’ खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन में कहा कि आपके सुझावों में हमारी व्यापक भागीदारी का प्रतिबिंब हैं. आज की हमारी चर्चा से आपसी सामंजस्य के साथ आगे बढ़ने का रास्ता तैयार हुआ है. मुझे विश्वास है कि इससे हमारे साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गति मिलेगी.

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युद्ध की स्थिति ने विकास यात्रा के सामने कई चुनौतियां
नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विकासशील देशों में, विशेषकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की.  पीएम मोदी ने तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' सम्मेलन में अपने शुरुआती भाषण में इसमें भाग ले रहे देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र समेत विभिन्न अहम क्षेत्रों में पूर्ण समर्थन देने की भारत की अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया. भारत ने डिजिटल रूप से इस सम्मेलन की मेजबानी की है.

युद्ध की स्थिति ने विकास यात्रा के सामने कई चुनौतियां

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, "आज हम ऐसे वक्त में बैठक कर रहे हैं, जब चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है. दुनिया अब भी पूरी तरह से कोविड-19 के प्रभाव से बाहर नहीं आई है. दूसरी ओर, युद्ध की स्थिति ने हमारी विकास यात्रा के लिए चुनौतियां पैदा कर दी है." उन्होंने कहा, "हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं."

आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की चुनौतियां

पीएम मोदी ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं. प्रौद्योगिकी विभाजन और प्रौद्योगिकी से जुड़ी नयी आर्थिक व सामाजिक चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. पिछली शताब्दी में स्थापित वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान वर्तमान शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं."

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ग्लोबल साउथ की ताकत उसकी एकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' सम्मेलन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच बन गया है. उन्होंने कहा कि जी20 के भारत के नेतृत्व में हमने ‘ग्लोबल साउथ' की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं व प्राथमिकताओं के आधार पर एजेंडा बनाया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा, "ग्लोबल साउथ की ताकत उसकी एकता में है. इसी एकता के बल पर हम नयी दिशा की ओर बढ़ेंगे." उन्होंने कहा, "वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों, आकांक्षाओं को आवाज देते हैं, जिन्हें अभी तक अनसुना किया गया है."

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क्‍या है ग्‍लोबल साउथ?

ग्‍लोबल साउथ 100 से ज्‍यादा देशों का समूह है. दरअसल, दुनिया को आर्थिक और सामाजिक आधार पर दुनिया को 2 हिस्‍सों में बंटा माना जाता है, पहला- ग्‍लोबल नॉर्थ और दूसरा, ग्‍लोबल साउथ. ग्‍लोबल नार्थ में दुलिया के ज्‍यादातर विकसित और औधोगिक विकास वाले देश हैं. जैसे अमेरिका, इंग्‍लैंड, जापान आदि. वहीं ग्‍लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित देश हैं, जिनमें एशिया और अफ्रीका के देश आते हैं.   

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