उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में पुलिस की तरफ से एक स्लॉटर हाउस (Slaughter House) में छापेमारी की गयी. इस स्लॉटर हाउस में नाबालिग बच्चों से अमानवीय तरीके से काम करवाया जा रहा था. इस मामले में पुलिस ने जेजे एक्ट, लेबर एक्ट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में कंपनी के मालिक और डायरेक्टर यासीन कुरेशी, उसकी पत्नी तस्लीन और तीन मैनेजर आरिफ, मंजूर हसन और हसन अली को गिरफ्तार कर लिया है.
स्लॉटर हाउस में बच्चों से मांस कटवाया जा रहा था. 31 नाबालिग लड़कियां और 26 नाबालिग लड़के रिहा कराए गए हैं. कुल 57 नाबालिगों को रिहा करवाया गया. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को इसे लेकर शिकायत मिली थी. शिकायत के आधार पर एनसीपीसीआर ,पुलिस ,लेबर विभाग और कई एजेंसियों की टीम ने एक साथ इंटरनेशनल एग्रो फूड नाम की कंपनी में छापेमारी कर नाबालिगों को रिहा करवाया.
बाद में इन बच्चों को इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में लाकर काम पर लगवा दिया गया था. नाबालिग बच्चों को पहले इस काम की जानकारी नहीं दी गई थी. पुलिस इन्हें इनके राज्यों से लाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी तलाश में जुट गई है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर हुई कार्रवाई
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली को यह शिकायत मिली थी कि गाजियाबाद में एक स्लॉटर हाउस में बिहार और पश्चिम बंगाल राज्य से लगभग 40 बच्चों को अमानवीय स्थिति में कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है. इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद से की गई थी. राष्ट्रीय बाल संरक्षण के अधिकारियों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में कुल 31 नाबालिग लड़कियां, 26 नाबालिग लड़के समेत कुल 57 नाबालिगों को सकुशल मुक्त कराया गया है.
बता दें कि इंटरनेशनल एग्रो फूड्स का मुख्य कारोबार मीट प्रोसेसिंग, फ्रीजिंग और एक्सपोर्ट का है. इस कंपनी से माल विदेशों में भी काफी ज्यादा सप्लाई किया जाता है. पुलिस इनके खिलाफ बाल संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की तैयारी में है.
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