- गौतम अदाणी ने भारत के लोगों से सिनेमा, स्टोरीटेलिंग, नई तकनीकों से अपनी वैश्विक पहचान खुद गढ़ने का आह्वान किया
- उन्होंने कहा कि अगर हम ये नहीं बताएंगे कि हम कौन हैं, तो शायद कोई और अपने हिसाब से यह लिख देगा कि हम कौन थे
- अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि भारत को अब विदेशियों को अपनी पहचान तय करने की छूट देना बंद कर देना चाहिए
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को भारत के लोगों से सिनेमा, कहानी कहने की कला और नई टेक्नोलोजी के जरिए अपनी वैश्विक पहचान खुद गढ़ने का आह्वान किया. मुंबई में फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई के Whistling Woods International institute में ओजस्वी संबोधन में अदाणी ने कहा कि अगर हम खुद ये नहीं बताएंगे कि हम कौन हैं, तो शायद कोई और अपने हिसाब से यह लिख देगा कि हम कौन थे.
विदेशियों को भारतीय पहचान तय न करने दें
गौतम अदाणी ने कहा कि भारत को अब विदेशियों को अपनी पहचान तय करने की छूट देना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, “चुप्पी विनम्रता नहीं, आत्मसमर्पण है.” उन्होंने गांधी और स्लमडॉग मिलियनेयर जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह भारत की कहानियां अक्सर पश्चिमी नजरिए से पेश की जाती रही हैं. भारत अपनी कहानी को खुद अपनाने में नाकाम रहा, जिसका फायदा दूसरों ने उठाया. अब ये बंद होना चाहिए.
गौतम अदाणी मुंबई में सुभाष घई के Whistling Woods International institute में संबोधन देते हुए.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक झूठी कहानी
गौतम अदाणी ने स्टोरीटेलिंग की तुलना दोधारी तलवार से करते हुए कहा कि यह ऐसा दौर है, जहां नंबरों से अधिक नैरेटिव बाजार में ज्यादा तेजी से फैलते हैं. 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह एक झूठी कहानी ने उनके ग्रुप को झटका दिया. उन्होंने कहा कि फैक्ट वही थे, बुनियादी चीजें भी वही थीं, लेकिन एक बिल्कुल झूठी कहानी को हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. इसने कुछ ही दिनों में ग्रुप की मार्केट वैल्यू 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा घटा दी. ये ग्रुप पर सुनियोजित हमला था.
सच्चाई को भी जोर से कहना जरूरी
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि इस अनुभव ने हमें सिखाया कि आज के दौर में सच्चाई को भी जोर से कहना जरूरी है. आपकी चुप्पी दूसरों को आपके भाग्य की पटकथा लिखने का मौका दे देती है. अगर हम खुद ये नहीं बताएंगे कि हम कौन हैं, तो दूसरों को लिखने का मौका मिलेगा कि हम कौन थे. इसीलिए हमें अपनी कहानी को आक्रामकता से नहीं बल्कि प्रामाणिकता के साथ कहना चाहिए. प्रोगेपेंडा नहीं, उद्देश्य के साथ बताना चाहिए.
गौतम अदाणी और प्रीति अदाणी Whistling Woods International में फिल्मी हस्तियों के साथ
हॉलीवुड फिल्मों ने अमेरिका की छवि गढ़ी
गौतम अदाणी ने टॉप गन, इंडिपेंडेंस डे, ब्लैक हॉक डाउन, अमेरिकन स्नाइपर, रॉकी, अपोलो 13 और रैम्बो जैसी हॉलीवुड फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि अमेरिका की ताकत, सैन्य क्षमता और राष्ट्रीय गौरव को दर्शाने वाले रणनीतिक औजार हैं. इन कहानियों ने अमेरिका के प्रति लोगों की धारणा को आकार दिया है. सैनिकों ने तो सिर्फ जमीन जीती, लेकिन कहानीकारों ने लोगों का मन जीत लिया है.
भारत की चुप्पी ने दूसरों को मौका दिया
अदाणी ने कहा कि लंबे समय तक भारत की आवाज अपनी सीमाओं के भीतर तो मजबूत बनी रही, लेकिन बाहर बहुत धीमी हो गई. इस चुप्पी में दूसरों ने भारत की तस्वीर को अपनी सुविधानुसार और पूर्वग्रहों से प्रेरित होकर रंग दिया. हमारा दुख उनका तमाशा बन गया. स्लमडॉग मिलियनेयर और गांधी जैसी फिल्मों का हवाला देते हुए उन्होंने सवाल किया कि आखिर भारतीय कहानियां विदेशी नजरिए से क्यों कही जाती हैं. भारतीय पहचान की ये सांस्कृतिक आउटसोर्सिंग बंद होनी चाहिए.
कहानी कहने की ताकत दोधारी तलवार
अदाणी ने आगाह किया कि कहानी कहने की ताकत दोधारी तलवार जैसी है. सही हाथों में हो तो यह राष्ट्र को आकार देती है, और गलत हाथों में पड़ जाए तो यह लोगों का नजरिया बदल सकती है. उन्होंने राज कपूर और गुरुदत्त जैसे फिल्मी दिग्गजों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्र निर्माण में उनकी फिल्मों के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि हर बार जरूरी नहीं कि प्रोजेक्ट स्टील से ही शुरू हो, ये कहानी से भी शुरू हो सकता है.
AI से बदलेगा सिनेमा का भविष्य
गौतम अदाणी ने बताया कि किस तरह आने वाले वक्त में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिनेमा को पूरी तरह बदलने वाला है. रियल टाइम स्टोरीटेलिंग, इंस्टेंट ग्लोबल रिलीज, हाइपर पर्सनलाइज्ड कंटेंट जैसी चीजें आम होने वाली हैं. उन्होंने कहा कि एआई प्रिडिक्शन की बदौलत कंटेंट क्रिएशन काफी सस्ता, पर्सनलाइज्ड और रियल टाइम होने वाला है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में “अमर एक्टर”, एआई ह्यूमन क्रिएटिव स्टूडियो और इंटरेक्टिव फिल्म ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तरह दोगुनी रफ्तार से बढ़ेंगे.
उन्होंने नौजवान क्रिएटर्स का आह्वान किया कि वे इन तकनीकों का इस्तेमाल भारत की कहानी को प्रामाणिकता और उद्देश्य के साथ कहने में करें. अगर हम अपनी कहानी नहीं कहेंगे, तो कोई और हमारे अतीत को फिर से लिख देगा. मेरी कामना है कि युवा पीढ़ी भारत को उसकी आवाज, उसका गीत और उसकी कहानियां लौटाए.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)