भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में इतिहास रच दिया है. इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रज्ञानंद ने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो कारुआना को क्लासिकल शतरंज के पांचवें दौर में हराकर सबको चौंका दिया. साथ ही प्रज्ञानंद ने क्लासिक शतरंज में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन और दूसरे नंबर के खिलाड़ी कारुआना को पहली बार हराया है, जो भारत के लिए बड़े गर्व की बात है. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने प्रज्ञानंद की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है.
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने 'एक्स' पर लिखा, "अविश्वसनीय प्रज्ञानंद! NorwayChess में क्लासिकल शतरंज में वर्ल्ड नंबर 1 मैग्नस कार्लसन और नंबर 2 फैबियानो कारुआना दोनों को हराना आश्चर्यजनक है. आप प्रगति पर हैं और अभी भी केवल 18 वर्ष के हैं! तिरंगे को ऊंचा रखें. ऑल द वेरी बेस्ट, प्रज्ञानंद."
प्रज्ञानंद इस बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर अब अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) की विश्व रैंकिंग में शीर्ष-10 में पहुंच जाएंगे. भारत के इस युवा खिलाड़ी ने नॉर्वे चेस 2024 के तीसरे दौर में सफेद मोहरों से खेलते हुए मैग्नस कार्लसन को हराया. 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर ने कार्लसन के खिलाफ उनके घरेलू मैदान पर 5.5 अंकों के साथ लीडर पोजीशन हासिल की. कार्लसन और प्रग्नानंद ने इस प्रारूप में अपने पिछले तीन मुकाबलों में ड्रॉ खेला था, जिनमें से दो विश्व कप 2023 फाइनल में थे.
प्रग्नानंद की विश्व में नंबर 1 नॉर्वे के खिलाड़ी पर जीत के बाद, सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. सोशल मीडिया एक्स पर एक प्रशंसक ने लिखा, "भारत से नई वैश्विक सनसनी!"
एक अन्य यूजर ने लिखा, "एक शानदार न्यूज के साथ एक अच्छी सुबह. भारत के 18 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी #प्रग्नानंदा ने क्लासिकल गेम में पहली बार विश्व में नंबर 1 #मैग्नस कार्लसन को हराने में कामयाबी हासिल की.
एक प्रशंसक ने एक्स पर पोस्ट किया, "यह जीत वाकई खास है, कार्लसन को उनके घर में हराना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है." एक अन्य ने एक्स पोस्ट में लिखा, "यह वह प्रदर्शन है जो भारत को गौरवान्वित कर रहा है. वह एक चैंपियन है! प्रग्नानंदा को बहुत-बहुत बधाई! यह एक बड़ा मैच है जो उन्होंने मैग्नस कार्लसन के खिलाफ खेला और जीता। @प्रग्नानंदा धन्यवाद।"
एक यूजर ने लिखा, "आर प्रग्नानंदा आप शानदार हैं. निश्चित रूप से हमें एक अगला विश्वनाथन आनंद मिलने वाला है." यह प्रग्नानंदा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, वह पिछले साल वर्ल्ड कप में मैग्नस कार्लसन से हार गए थे. संयोग से प्रग्नानंदा कार्लसन को क्लासिकल चेस में हराने वाले केवल चौथे भारतीय हैं."
(आईएएनएस के इनपुट के साथ...)
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