गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) को गंगा नदी में पानी कम होने की वजह से बिहार के छपरा में रोका गया. अपनी 51 दिनों की यात्रा के तीसरे दिन ही क्रूज को रोकना पड़ा. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है. पीएम मोदी ने पिछले सप्ताह ही इसे वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. क्रूज को पर्यटकों को पुरातात्विक स्थल चिरांद तक ले जाना था, लेकिन गंगा में पानी कम होने के कारण इसे तट पर जाने से पहले ही रोक लिया गया.
सारन जिले के डोरीगंज बाजार के पास और छपरा से 11 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित चिरांद जिले का सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है. घाघरा नदी के तट पर बने स्तूपनुमा स्थानों को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभावों से जोड़कर देखा जाता है. अधिकारियों ने कहा कि तट पर उथले पानी के कारण क्रूज को तट पर लाना मुश्किल था.
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने कहा कि गंगा विलास क्रूज तय समय के मुताबिक पटना पहुंच चुका है. जहाज के बिहार के छपरा में फंसने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है. पोत अपनी आगे की यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार जारी रखेगा.
दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर डिब्रूगढ़ तक का एक यात्री का किराया 50 लाख से लेकर 55 लाख रुपये होगा और मार्च 2024 तक की सीटें पूरी तरह बुक हो चुकी हैं. क्रूज 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है. सभी 18 सुइट में बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं, जहां से शानदार नजारा देखा जा सकता है.
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