Gandhi Jayanti 2025 : सत्य, सेवा और शक्ति... महात्मा गांधी के वे विचार जो जीवन में दिखाते हैं सफलता की राह

गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है और उन्हें बापू और महात्मा गांधी कहकर भी पुकारा जाता है. भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए थे और देशवासियों को इस जुल्म के खिलाफ साथ लाने का काम किया था.

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नई दिल्ली:

पूरा देश आज, 2 अक्टूबर, को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है. देश के कोने-कोने में बापू को श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. 15 अगस्त, 1947 को हमें स्वतंत्रता मिली, लेकिन यह आजादी हमें यूं ही थाली में परोसकर नहीं दी गई थी. इस राष्ट्र को यह मुक्ति दशकों की कड़ी तपस्या, संघर्ष और असंख्य बलिदानों के बाद प्राप्त हुई थी. इस स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महान हस्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, पर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय रहा. उनकी अहिंसावादी विचारधारा का पूरे विश्व में गहरा प्रभाव है, और समूचा संसार उनके दिखाए इस मार्ग का सम्मान करता है. उन्होंने देश को स्वाधीन कराने के लिए कई ऐतिहासिक जन-आंदोलनों का नेतृत्व किया.

गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है और उन्हें बापू और महात्मा गांधी कहकर भी पुकारा जाता है. भारत को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए थे और देशवासियों को इस जुल्म के खिलाफ साथ लाने का काम किया था. महात्मा गांधी अहिंसा और सत्य का पाठ पढ़ाया करते थे.

Gandhi Jayanti 2025 :  महात्मा गांधी के प्रेरणादायक अनमोल विचार

  • आप स्वयं वह बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं
  • अहिंसा सबसे बड़ी शक्ति है. यह किसी भी संहारक अस्त्र से कहीं अधिक प्रभावी है
  • कमज़ोर लोग कभी किसी को माफ नहीं कर सकते. क्षमा करना तो बलवान व्यक्ति की निशानी है
  • स्वयं को खोजने का सर्वोत्तम तरीका यह है कि आप खुद को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दें
  • धैर्य और सत्य के मार्ग पर चलें, विजय निश्चित रूप से आपकी ही होगी
  • व्यक्ति अपने विचारों से बनता है. वह जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है
  • शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती, यह एक अटूट इच्छाशक्ति से उत्पन्न होती है
  • स्वच्छता और उत्तम स्वास्थ्य, स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं
  • ईश्वर का कोई विशेष धर्म नहीं होता; सच्चाई ही स्वयं ईश्वर है
  • यदि कोई आपके साथ बुरा करे, तो बदले में उसे प्रेम दें; यही जीवन का सच्चा और शाश्वत पाठ है
  • चरखा आत्मनिर्भरता और एकता का अंतिम प्रतीक है
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