जी20 देशों को 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य कायम रखकर नेतृत्व दिखाना चाहिए: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

गुतारेस ने कहा, ‘जलवायु संकट नियंत्रण से बाहर हो रहा है... कुल मिलाकर, जी-20 देश 80 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. आधे-अधूरे कदम जलवायु संकट को नहीं रोक पाएंगे.‘

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गुतारेस ने कहा कि जलवायु संकट नियंत्रण से बाहर हो रहा है.
नई दिल्ली :

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को कहा कि जी-20 देशों को 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के लक्ष्य को कायम रखते हुए, जलवायु न्याय पर आधारित विश्वास का पुनर्निर्माण और हरित अर्थव्यवस्था के जरिए न्यायसंगत परिवर्तन को आगे बढ़ाकर नेतृत्व दिखाना चाहिए. विभिन्न देशों ने 2015 में पेरिस जलवायु वार्ता में, जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से बचने के लिए औद्योगिक क्रांति (1850-1900) से पहले के स्तरों की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने पर सहमति जताई थी. 

गुतारेस ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारे पास गंवाने के लिए समय नहीं है, जहां तक मैं देख सकता हूं, चुनौतियां फैली हुई हैं. जलवायु संकट तेजी से गहरा रहा है, लेकिन सामूहिक प्रतिक्रिया में महत्वाकांक्षा, प्रामाणिकता और तत्परता की कमी है."

उन्होंने जी-20 देशों से प्राथमिकता वाले दो क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदर्शित करने का आग्रह किया, जिनमें जलवायु परिवर्तन को रोकना और सतत विकास लक्ष्यों को बचाना शामिल हैं. 

गुतारेस ने कहा, ‘जलवायु संकट नियंत्रण से बाहर हो रहा है... कुल मिलाकर, जी-20 देश 80 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. आधे-अधूरे कदम जलवायु संकट को नहीं रोक पाएंगे.‘

उन्होंने जी-20 नेताओं से 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को बनाए रखने, जलवायु न्याय पर आधारित विश्वास का पुनर्निर्माण करने एवं हरित अर्थव्यवस्था के जरिए न्यायसंगत परिवर्तन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया. 

उन्होंने बड़े पैमाने पर उत्सर्जन करने वाले देशों से इसमें कटौती के लिए अतिरिक्त प्रयास करने और लक्ष्य हासिल करने के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विकसित देशों को 2040 तक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को 2050 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को शून्य स्तर (नेट जीरो) तक पहुंचाना चाहिए. 

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गुतारेस ने कहा कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) देशों को 2030 तक और अन्य देशों को 2040 तक कोयले का उपयोग चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देना चाहिए. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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