'अमेजन विवाद मामले में याचिका पर करें जल्‍द सुनवाई' : फ्यूचर ग्रुप ने SC से किया अनुरोध

वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच 16 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा और वह  वो इस मामले में उनकी संपत्ति को जब्त कर सकता है.इसलिए सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर को सुनवाई करे.

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सीजेआई एन वी रमना ने कहा कि वो फाइल देखेंगे और तय करेंगे (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

फ्यूचर और अमेजन विवाद मामले में फ्यूचर ग्रुप (Future Group)ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है.  मशहूर वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच 16 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगा और वह  वो इस मामले में उनकी संपत्ति को जब्त कर सकता है.इसलिए सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर को सुनवाई करे. प्रधान न्‍यायाधीश (CJI)  एन वी रमना ने कहा कि वो फाइल देखेंगे और तय करेंगे. गौरतलब है कि फ्यूचर डील मामले में फ्यूचर कूपन्स और अन्य सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैंऔर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी.दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सिंगल जज बेंच के आदेश को पुनर्जीवित किया था जिसमें फ्यूचर कूपन, फ्यूचर रिटेल, किशोर बियानी एसेट्स को कुर्क करने का निर्देश दिया गया था .फ्यूचर कूपन ने  संपत्ति की कुर्की के निर्देश वाले सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. 

फ्यूचर कूपन ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की  है, जिसने बियानी, अन्य फ्यूचर डायरेक्टर्स को सिविल अरेस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance Future Deal) के बीच हुई बहुचर्चित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न (Amazon) के पक्ष में फैसला सुनाया गया है. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा. बता दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी.  रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील के खिलाफ अमेजन ने सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने इस डील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसी के बाद अमेजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था.

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