आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों के लिए FSSAI ने नियमों का मसौदा जारी किया

आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए नियामक से पूर्व अनुमोदन अनिवार्य करने का प्रस्ताव

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है. इसमें आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए नियामक से पूर्व अनुमोदन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है.

एफएसएसएआई के अनुसार, प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा और मानक (आनुवांशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ) नियमन, 2022 खाद्य उपयोग के लिए लक्षित आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (जीएमओ) पर लागू होंगे.

एक बार लागू होने के बाद ये नियमन जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होंगे जिनमें संशोधित डीएनए होता है और साथ ही जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होता है जिसमें संशोधित डीएनए नहीं होता है लेकिन जीएमओ से प्राप्त सामग्री/योजक/प्रसंस्करण सहायक शामिल होते हैं.

जीएमओ का अर्थ किसी भी जीवित जीव से है जिसमें आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से प्राप्त आनुवंशिक सामग्री का एक नया संयोजन है.

नियमों के मसौदे में कहा गया है, ‘‘कोई भी व्यक्ति खाद्य प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना जीएमओ से उत्पादित किसी भी खाद्य या खाद्य सामग्री का निर्माण, पैकिंग, भंडारण, बिक्री, बाजार या अन्यथा वितरण या आयात नहीं करेगा.''

नियमों के मसौदे पर नियामक को 60 दिन के अंदर सुझाव दिए जा सकते हैं. यह मसौदा 18 नवंबर को जारी किया गया.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections: चुनाव से ठीक पहले बिहार में अपने नेताओं पर RJD का बड़ा एक्शन | BREAKING NEWS
Topics mentioned in this article