उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं लेकिन देश कोविड (Coronavirus) महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहा है. ऐसे में देश के सबसे अधिक आबादी वाले इस राज्य के महत्वपूर्ण चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को डिजिटल अभियानों की तरफ रुख करना पड़ा है और सभी पार्टियां इसके लिए तैयार हो चुकी हैं.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा आज दोपहर बाद अपने सोशल मीडिया पेजों पर पार्टी की महिला केंद्रित 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान के बारे में बात करेंगी. एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पार्टी ने कहा है कि इस बातचीत कार्यक्रम में कार्यकर्ता और जनता दोनों प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल पूछ सकेंगे.
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में इस तरह की घोषणा करने वाली पहली पार्टी बन गई है. कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पार्टी ने कुछ दिनों पहले ही जमीनी रैलियों, मैराथन और चुनावी अभियानों को स्थगित करने का ऐलान किया था और अब पार्टी वर्चुअल मोड में आ चुकी है.
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कांग्रेस नेताओं द्वारा यह निर्णय बरेली शहर में आयोजित एक मैराथन के बाद आया, जहां हजारों की संख्या में युवतियों ने भाग लिया था, जिससे वहां भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई थी. पार्टी का कहना है कि जल्द ही और अधिक डिजिटल अभियान शुरू किए जाएंगे.
उधर, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने अब तक डिजिटल अभियानों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी इसका सोशल मीडिया वॉर रूम सक्रिय था. सूत्रों का कहना है कि सपा की योजना सोशल मीडिया गेम को कई पायदान ऊपर ले जाने की है.
समाजवादी पार्टी ने राज्य के 400 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए लोगों को आमंत्रित करने वाला लिंक ट्वीट किया है. यह संभवत: ऐसा पहला कदम है. रिपोर्टर ने इसी तरह के एक व्हाट्सएप ग्रुप की समीक्षा की, जिसमें समाजवादी पार्टी के अभियान से जुड़े कई चित्र और वीडियो थे.
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एक फोटो में पार्टी के बीजेपी के जवाबी अभियान 'फर्क साफ है', का जिक्र है. बीजेपी पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर इसी नाम 'फर्क साफ है' से एक अभियान चला रही है, जिसमें 2012 से 2017 के अखिलेश यादव के कार्यकाल को 'भ्रष्ट' और 'माफियाराज' कहकर प्रचारित किया गया है. समाजवादी पार्टी ने उसी तर्ज पर फोटो साझा कर इस अभियान में योगी सरकार के पांच साल के कामकाज की तुलना अखिलेश सरकार के कामकाज से की है.
उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी बीजेपी, जो चुनाव अभियानों में सोशल मीडिया गेम का नेतृत्व करती रही है, पिछले एक महीने से कई अखबारों में फुल पेज या पाफ पेज विज्ञापनों की बौछार कर रही है. इनमें से अधिकांश विज्ञापनों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की तस्वीरों के साथ तीन मुख्य नारे प्रकाशित किए जा रहे हैं. ये नारे हैं- 'डबल इंजन की सरकार'; 'सोच ईमानदार, काम दमदार' और 'फर्क साफ है'.
पिछले कुछ समय से बीजेपी समर्थकों के व्हाट्सएप ग्रुप और ट्विटर हैंडल पर भी इसी तरह के मैसेज हो रहे हैं. हाल-हाल तक बीजेपी भी मजबूत जमीनी जनसंपर्क अभियान चला रही थी, लेकिन पार्टी के शीर्ष आईटी विंग के एक अधिकारी ने स्थानीय अखबारों के हवाले से कहा है कि आने वाले दिनों में बीजेपी का फोकस '3 डी तकनीक' का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर वर्चुअल रैलियां करने का है. पार्टी के पास पहले से ही हरेक राज्य में करीब 1.5 लाख से अधिक बूथ स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप हैं.
मायावती की बसपा इस मामले में अभी बहुत पीछे है. बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा लाइव रैलियां करने के लिए फिलहाल फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन प्रतिद्वंद्वी पार्टियां सोशल मीडिया पर आक्रामक रूख के साथ मौजूद हैं.
इनके अलावा सभी पार्टियां राज्य भर में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन वाले वैन और ट्रकों का उपयोग करके वीडियो को दिखाने की योजना बना रही हैं.