हैदराबाद के एक रेस्तरां में बिना अनुमति के एक वृत्तचित्र दिखाने और शांति भंग करने का माहौल बनाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शनिवार को बिना किसी अनुमति के ‘राम के नाम' वृत्तचित्र को यहां एक रेस्तरां में दिखाया गया. पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शिकायतकर्ता अपने दोस्तों के साथ रेस्तरां में गया था. शिकातकर्ता ने कहा कि रेस्तरां में वृत्तचित्र दिखाया जा रहा था और कुछ लोग उस पर चर्चा कर रहे थे.
उसने आरोप लगाया कि जब उसने वृत्तचित्र देखा तो पाया कि उनके (आरोपियों के) सभी कृत्य और व्यवहार ‘‘हिंदू धर्म के खिलाफ थे और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे.'' शिकायकर्ताओं ने उन पर (आरोपियों पर) हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का भी आरोप लगाया.
इस बीच, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' के जरिए पुलिस से सवाल किया कि वृत्तचित्र को दिखाने से क्यों रोका गया और लोगों को गिरफ्तार क्यों किया गया?
उन्होंने कहा, ‘‘किसी पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र को दिखाना अपराध कैसे है? अगर ऐसा है तो फिल्म को पुरस्कार देने के लिए भारत सरकार और फिल्मफेयर को भी जेल भेजा जाना चाहिए. कृपया हमें बताएं कि क्या हमें फिल्म देखने से पहले पुलिस से प्रमाणपत्र की आवश्यकता है.''
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