उमर खालिद की रिहाई के लिए महात्मा गांधी के पोते समेत चार संगठनों ने उठाई आवाज

राजमोहन गांधी ने कहा कि खालिद के रूप में भारत के पास एक बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति है, लेकिन उन्हें लगातार 20 महीने से चुप कराकर रखा गया है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की रिहाई की मांग एक बार फिर से उठने लगी है. इस बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी समेत चार अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने ये मांग की है. राजमोहन गांधी के अलावा जिन संगठनों ने ये मांग की है उनमें हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, दलित सॉलिडेरिटी फोरम और इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल मुख्य रूप से शामिल हैं. बता दें कि उमर खालिद 14 सितंबर 2020 के बाद से ही जेल में हैं. 

उमर खालिद के वकील ने कहा, उस पर लगाए गए आरोप आतंक फैलाने वाले कतई नहीं

राजमोहन गांधी ने कहा कि खालिद के रूप में भारत के पास एक बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति है, लेकिन उन्हें लगातार 20 महीने से चुप कराकर रखा गया है. खालिद को चुप कराया जाना दुनिया के सामने भारत की छवि पर एक धब्बा है. उमर और अन्य हजारों लोगों की हिरासत का हर गुजरता दिन, दुनिया में लोकतंत्र, मानवीय गरिमा और भारत के अच्छे नाम के लिए एक झटके की तरह है.

वहीं, प्रख्यात बुद्धिजीवी नोम चोम्स्की ने भी उमर खालिद की रिहाई को लेकर एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि दमन और हिंसा के इस दौर में खालिद का मामला ''उन कई मामलों में से एक है, जिनमें भारत की न्याय व्यवस्था का खराब चेहरा सामने आया है. स्वतंत्र संस्थान कमजोर होते दिख रहे हैं. धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की भारत की सम्मानजनक परंपरा को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं.''

राजद्रोह कानून पर SC की रोक का दिशा रवि, कन्‍हैया और उमर खालिद सहित कई मामलों पर पड़ेगा असर..

बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में हुए दंगों से संबंधित कथित साजिश के मामले में इस साल मार्च में खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं, यह मानने के लिए उचित आधार हैं.

दिल्ली दंगा मामला : उमर खालिद को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

खालिद के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Dalit पुलिसकर्मी की घुड़चढ़ी पर पथराव, दूल्हे को घोड़े से नीचे गिराया
Topics mentioned in this article