Bihar: प्रश्नपत्र लीक मामले में चार और गिरफ्तार, Cyber crime गिरोह का भंडाफोड़

बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में शामिल गिरोह का कंट्रोल रूम पटना के कदमकुआं थाने के लोहानीपुर इलाके के एक मकान में था. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
गिरफ्तार लोगों में शामिल राजेश कुमार राज्य के कृषि विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत है.
पटना:

बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में चार अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार पुलिस ने इसके पीछे साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़ हो गया है. बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में शामिल गिरोह का कंट्रोल रूम पटना के कदमकुआं थाने के लोहानीपुर इलाके के एक मकान में था. बिहार पुलिस (Bihar Police) ने रविवार को दावा किया कि उसने पिछले सप्ताह राज्य सिविल सेवा परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक (Question Paper Leak case) होने के पीछे एक संगठित आपराधिक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कई इलेक्टॉनिक उपकरण भी जब्त किए हैं. मामले की जांच कर रही पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अनुसार गिरोह का नेतृत्व इंजीनियरिंग स्नातक आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव कर रहा था, जिसे 2015 में उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. 

ईओयू ने  कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के पूर्व छात्र यादव ने स्पष्ट तौर पर रातोंरात पैसा कमाने के लिए अपराध किया और वह मुंगेर जिले में दो साल पुराने हत्या के मामले में भी वांछित है. यादव और उसके अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा रहा है. गिरफ्तार लोगों में शामिल राजेश कुमार राज्य के कृषि विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत है.

ईओयू ने कहा कि राजेश कुमार (39) पटना के पूर्वी पटेल नगर इलाके में किराए के मकान में रहता है, जहां से एक लैपटॉप, विभिन्न नेटवर्क प्रदाताओं के 30 से अधिक सिम कार्ड, पांच पेन ड्राइव और 16 ईयरफोन जब्त किए गए हैं. कुमार से पूछताछ के आधार पर यादव द्वारा लोहानीपुर इलाके में किराए पर लिए गए एक मकान पर भी छापा मारा गया, जो गिरोह के ‘‘कंट्रोल रूम'' के रूप में काम करता था.

Advertisement

ईओयू ने कहा कि इसके अलावा यादव से जुड़े छह बैंक खातों के रिकॉर्ड भी मिले, जिनमें 12 लाख रुपये से अधिक जमा किए गए थे. इन सभी खातों पर रोक लगा दी गई है. राजेश कुमार से मिली सूचना के आधार पर तीन अन्य लोगों-उच्च विद्यालय में पढ़ाने वाले कृष्ण मोहन सिंह (41), निशिकांत कुमार राय (33) और सुधीर कुमार सिंह (40) को भी गिरफ्तार किया गया है. कृष्ण मोहन सिंह और निशिकांत राय पटना के अलग-अलग इलाकों में रहते थे जबकि सुधीर कुमार सिंह औरंगाबाद जिले का निवासी है.

Advertisement

ईओयू ने भोजपुर जिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जहां आठ मई को हुई प्रारंभिक परीक्षा के परीक्षा केंद्रों में से एक वीर कुंवर सिंह कॉलेज में अनियमितताओं का पता चला था. जब कुछ ‘‘परीक्षार्थियों'' को एक बंद कमरे के अंदर अपने प्रश्नपत्र हल करने की अनुमति दी गई और अपने मोबाइल फोन साथ ले जाने की अनुमति दी गई तो अन्य परीक्षार्थियों ने हंगामा कर दिया.

Advertisement

जल्द ही, प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने कुछ घंटों के भीतर परीक्षा रद्द कर दी. भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा से गिरफ्तार किए गए लोगों में एक प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) भी शामिल हैं, जो परीक्षा केंद्र पर ‘स्टेटिक मजिस्ट्रेट' के तौर पर तैनात थे.

Advertisement

Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द