"मेरा कोई रोल ही नहीं है...": राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी श्रीहरन ने खुद को बताया बेगुनाह

नलिनी श्रीहरन ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "वास्तव में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. मुझे पता है कि मैं दोषी हूं. लेकिन मेरा दिल यह जानता है कि क्या हुआ था."

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नलिनी श्रीहरन की रिहाई को इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी थी.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहा किया गया है. उन्होंने रविवार को कहा कि हत्या की साजिश में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और अपने पति के दोस्तों से परिचित होने के कारण उन्हें जेल हुई. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हत्या में अपनी भूमिका और दूसरों की भूमिका पर पछतावा है. उन्होंने अपनी बेगुनाही बरकरार रखी और कहा वास्तव में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. मुझे पता है कि मैं दोषी हूं. लेकिन मेरे दिल यह जानता है कि क्या हुआ था.

एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश में शामिल नहीं थी, लेकिन उस पर आरोप लगाया गया क्योंकि वह उस समूह का हिस्सा थी जिसने इसकी साजिश रची थी. "वे मेरे पति के दोस्त थे. इसलिए, मैं उनसे परिचित हो गई. मैं उनसे बात नहीं करती थी, जब उन्हें जरूरत होती तो मैं मदद करती थी. जैसे कि दुकानों या थिएटरों या होटलों या मंदिरों में जाना. मैं उनके साथ जाती थी. बस इतना ही... इसके अलावा, मेरा कोई व्यक्तिगत संपर्क नहीं था...मैं उनके परिवार को नहीं जानती थी, वे कहां हैं...

श्रीहरन ने कहा कि 2001 में उनकी मौत की सजा को कम करने से पहले, उन्हें किसी भी समय मृत्युदंड दिए जाने की उम्मीद थी. उन्होंने कहा, "सात बार उन्होंने ब्लैक वारंट (फांसी का आदेश) लगाया, वे मेरा इंतजार करते थे."

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उन्होंने राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ जेल में हुई अपनी मुलाकात को भी याद किया और कहा "वह बहुत दयालु व्यक्ति हैं. वह एक परी थीं. उन्होंने मुझे सम्मान दिया. जेल में हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया जाता था". हमें अधिकारियों के सामने बैठने तक की इजाजत नहीं थी. हमें खड़े होकर बात करनी होती थी. लेकिन जब वह मुझसे मिलने आई तो उन्होंने मुझे अपने पास बैठाया. यह मेरे लिए बहुत अलग अनुभव था. नलिनी श्रीहरन ने कहा कि वाड्रा ने उनसे उनके पिता की हत्या के बारे में सवाल किया. वह भावुक हो गईं और रो भी पड़ीं.

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श्रीहरन ने NDTV से अपनी बेटी हरिथरा के साथ हुई मुलाकात के बारे में भी बात की और बताया कि वह उनसे मिली थी. लेकिन उसे कुछ याद नहीं है. श्रीहरन की बेटी का जन्म 1992 में जेल में हुआ था और वह जेल से बाहर पली-बढ़ी हैं. साल 2019 में उनकी शादी हुई है. शादी के लिए श्रीहरण एक महीने के लिए पैरोल पर बाहर आई थी.

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श्रीहरन ने कहा वह मुझे बिलकुल भूल चुकी है. मैंने ही उसे जन्म दिया था, लेकिन दो साल की उम्र के बाद मैं उससे अलग हो गई. जो हुआ उससे हम बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "यह मेरे और उसके लिए बहुत कठिन स्थिति है. हम परिपक्व हैं. हम चीजों को समझ सकते हैं, वह छोटी है. वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है. यह मेरी बेटी के लिए बहुत मुश्किल है .

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राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी के हस्तक्षेप पर उनकी सजा को कम करके उम्रकैद कर दिया गया था.  राजीव गांधी की मई 1991 को तमिलनाडु के श्री पेरुम्बुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.