तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की जमानत अर्जी

दिल्ली (Delhi) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट (High Court) ने 22 मार्च को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की है.
नई दिल्ली:

तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है. जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से जमानत खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल की है. 6 अप्रैल में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के दिग्गज नेता सत्येंद्र जैन को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि निचली अदालत के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है, लिहाजा जैन को राहत नहीं दी जा सकती. 

बड़ी बात यह है कि हाई कोर्ट ने यह माना था कि जांच के दौरान ऐसे सबूत मिले हैं, जो कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल चार कंपनियों में जैन और उनके परिवारों के जुड़ाव को दिखाते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो बाहर जाकर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उसे निचली अदालत के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आई.

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने 22 मार्च को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जैन को पिछले साल 30 मई को मामले में गिरफ्तार किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं. आप नेता पर मनी लॉन्ड्रिंग में कथित तौर पर शामिल चार कंपनियों से जुड़े होने का आरोप है. सत्येंद्र जैन ने हाईकोर्ट से कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और वह जांच में सहयोग कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने तर्क दिया था कि मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद उन्हें कैद में रखने की जरूरत नहीं है.

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आप नेता ने पिछले साल 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा दिए फैसले को चुनौती दी थी. निचली अदालत ने अपराध में जैन की संलिप्तता के प्रथम दृष्टया संकेत मिलने के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था. अब हाईकोर्ट ने भी कहा कि जैन ने जानबूझकर अपराध को छिपाया और वह प्रथमदृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी जान पड़ते हैं.
 

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