जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रकिया हमेशा सुर्खियों में रहती है. लेकिन अब पूर्व CJI यूयू ललित ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ही सही तरीका है. उन्होंने ये बात तब कही जब देश के कानून मंत्री किरन रिजिजू कॉलेजियम पर सवाल उठा चुके हैं. पिछले दिनों ही न्यायिक नियुक्तियों में सुधार की जरूरत जोर देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा था कि कॉलेजियम प्रणाली की प्रक्रिया बहुत अपारदर्शी है और न्यायपालिका में ‘अंदरखाने राजनीति' मौजूद है.
इस पर पूर्व सीजेआई ने कहा,"ये ("अपारदर्शी, गैरजवाबदेह") उनके (कानून मंत्री) के निजी विचार हैं... यह काम करने का एक बिल्कुल सही, और संतुलित तरीका है. उच्चतम न्यायालय द्वारा उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाराजगी व्यक्त करने के दो दिन बाद टिप्पणी आई, जिसमें कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए नाम भी शामिल हैं, और कहा कि उन्हें लंबित रखना "कुछ स्वीकार्य नहीं है." शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने पहले स्पष्ट किया था कि एक बार जब सरकार ने अपनी आपत्ति व्यक्त कर दी है और कॉलेजियम द्वारा इसे निपटा दिया गया है, तो नियुक्तियों को मंजूरी दी जानी चाहिए.
ये भी पढ़ें: लोक अदालतों में निपटाए गए एक लाख 28 हजार 871 मामले
ये भी पढ़ें: दिल्ली में थोड़ा कम हुआ वायु प्रदूषण लेकिन हवा अभी भी जहरीली, 'बहुत खराब' श्रेणी में AQI