पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को मिलेगा असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

गोगोई 2018-19 में प्रधान न्यायाधीश थे. उन्होंने उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में फैसला सुनाया था.

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गोगोई वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें मार्च 2020 में मनोनीत किया गया था. (फाइल)
गुवाहाटी:

असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव' के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को नामित किया गया. प्रधान न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाले वह पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की. इस दौरान उन्होंने उन प्रमुख हस्तियों के नाम भी बताए जिन्हें राज्य सरकार के दो अन्य प्रमुख पुरस्कार दिए जाएंगे. 

सरमा ने कहा, ‘‘इस साल हमने न्यायिक क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को ‘असम वैभव' पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है. वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं.''

गोगोई 2018-19 में प्रधान न्यायाधीश थे. उन्होंने उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में फैसला सुनाया था.

वह वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें मार्च 2020 में मनोनीत किया गया था.

‘असम सौरव' पुरस्कार के लिए चार नामों की घोषणा

सरमा ने ‘असम सौरव' पुरस्कार के लिए चार प्रमुख व्यक्तियों के नामों की घोषणा की, जिनमें तैराक एल्विस अली हजारिका और धाविका हिमा दास शामिल हैं. सांस्कृतिक विरासत प्रबंधन विशेषज्ञ किशन चंद नौरियाल और तिवा नर्तक नंदीराम देउरी इस श्रेणी के तहत पुरस्कार पाने वाले अन्य विजेताओं में शामिल हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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