असम के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नजरुल इस्लाम का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 73 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं.
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि तीन बार के मंत्री और पांच बार के विधायक नजरुल इस्लाम को शुक्रवार को उस वक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब उनका ऑक्सीजन स्तर खतरनाक रूप से गिर गया था. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने दोपहर में अंतिम सांस ली.
वह पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई के मंत्रिमंडल में 2002 से 2016 तक तीन बार मंत्री रहे. इस्लाम ने 1996 से पांच बार मोरीगांव जिले के लहरीघाट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, जबकि उनके बेटे डॉ आसिफ मोहम्मद नज़र ने 2021 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती.
वह राजनीति में आने से पहले एक चिकित्सक थे और उन्होंने गौहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. गोगोई कैबिनेट में इस्लाम के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति, अल्पसंख्यक मामले और स्वास्थ्य विभाग थे.
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पूर्व मंत्री के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अनुभवी राजनेता ने राज्य में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में लंबे समय तक बहुमूल्य सेवाएं दीं. शर्मा ने कहा, 'मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.'
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने अपने शोक संदेश में कहा कि कांग्रेस ने एक समर्पित और प्रतिबद्ध नेता खो दिया है. बोरा ने कहा, 'इस्लाम ने एक डॉक्टर के रूप में अपना पेशेवर जीवन शुरू किया, लेकिन एक राजनेता के रूप में समाज की सेवा की और हमें उनकी मृत्यु पर गहरा दुख है. हम शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.'
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