"सेबी और कानून पर संदेह नहीं किया जा सकता": हिंडनबर्ग मामले पर आए SC के फैसले पर पूर्व ASG सिद्धार्थ लूथरा

हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट (SupreME Court On Hindenburg Case) ने कहा कि सेबी और कानून पर संदेह नहीं किया जा सकता,  इसमें SIT की जांच की जरूरत नहीं है इसीलिए अदालत को इसमें दखल नहीं देना चाहिए.

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हिंडनबर्ग पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व ASG सिद्धार्थ लूथरा.

नई दिल्ली:

हिंडनबर्ग (Hindenburg Case) पर पूर्व ASG सिद्धार्थ लूथरा ने एनडीटीवी से कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Hindenburg Case) ने तीन चीजें कही हैं. अदालत ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट सही नहीं है, इसीलिए उनको माना नहीं जा सा सकता. कोर्ट ने दूसरी बात ये कही कि सेबी और कानून पर संदेह नहीं किया जा सकता,  इसमें SIT की जांच की जरूरत नहीं है इसीलिए अदालत को इसमें दखल नहीं देना चाहिए. उनका मानना है कि अभी कर सेबी की रिपोर्ट में अदाणी को क्लीन चिट दी है और दो मामलों की जांच चल  रही है. 

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मीडिया रिपोर्ट के आधार पर PIL न हो दाखिल-SC

साल  2005 में सुप्रीम कोर्ट ने PIL पर कहा था कि मीडिया आदि की रिपोर्ट के आधार पर PIL दाखिल न हो, इसके लिए कोई सबूत होने चाहिए. अगर कच्ची खबरों पर केस दाखिल करेंगे तो यही हाल होगा. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अखबारों की खबरों पर PIL मंजूर कर ली थी. अब सुप्रीम कोर्ट अपने पहले वाले रुख पर आ गया है. अदालत को निवेशकों के हितों की रक्षा का ख्याल है कि आखिर उनका नुकसान कौन पूरा करेगा. इस तरह की PIL की वजह से कई लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं.

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SEBI की जांच में कोई खामी नहीं है-SC

बता दें कि  हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि SEBI की जांच में कोई खामी नहीं है.इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि अभी तक 24 में से 22 मामलों की जांच SEBI ने की है. इस जांच में कोई भी खामी नहीं है. बाकी बचे दो मामलों की भी जांच अगले तीन महीने में पूरी की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि निवेशकों की रक्षा के लिए तत्काल उपाय करें और निवेशकों की रक्षा के लिए कानून सख्त करें व सुधार करें. 

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