देश में पहली बार संविधान पीठ के सामने पेपरलेस तरीके से होगी केस की सुनवाई

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा कि मामले की सुनवाई ग्रीन बेंच की तरह होगी. कोई भी फाइलें या पेपर ना लाएं. अदालतों की कार्यप्रणाली को कागजरहित बनाने की दिशा में पेपरलेस सुनवाई को बड़ा कदम माना जा रहा है. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
पर्यावरण के लिहाज से अहम पेपरलेस सुनवाई
नई दिल्ली:

देश में पहली बार संविधान पीठ के सामने पेपरलेस तरीके से सुनवाई (Paperless Hearing) होगी. दिल्ली सरकार Vs LG मामले की सुनवाई भी पेपरलेस तरीके से होगी. पहली बार, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ पारंपरिक भारी दस्तावेजों के बिना किसी केस की सुनवाई करेगी. संविधान पीठ याचिकाओं और दस्तावेजों (Documents) की सॉफ्ट कॉपी का उपयोग करके मामले की सुनवाई होगी. 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा कि इस मामले की सुनवाई ग्रीन बेंच की तरह होगी. कोई भी फाइलें या पेपर ना लाएं. इस संबंध में वकीलों को रजिस्ट्री दो दिन की ट्रेनिंग भी देगी. अदालतों की कार्यप्रणाली को कागजरहित बनाने की दिशा में पेपरलेस सुनवाई को बड़ा कदम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे पूर्ण पारदर्शिता भी बनी रहेगी. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की भारी बचत भी होगी.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में इस साल भी जारी रहेगा पटाखों पर प्रतिबंध : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट सहित बहुत सी अदालतों में ई-फाइलिंग की सुविधा पहले से ही मौजूद है. कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कई अङम मामलों की सुनवाई के लिए वर्चुअली कोर्ट का सहारा लिया और विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई भी की. देश की अधिकतर निचली अदालतों में भी लॉकडाउन के समय आनलाइन सुनवाई कर कई मामलों को निपटाया गया.

VIDEO: विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में नीतीश कुमार, आज शरद पवार से करेंगे मुलाकात

Featured Video Of The Day
Baba Saheb Ambedkar के सवाल पर Congress के आरोपों का खरगे ने कैसे दिया सिलसिलेवार जवाब?