सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया है कि ट्विटर ने नए आईटी नियमों (New IT Rules) का पालन नहीं करके अपनी कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है, ऐसे में अब्दुल समद वाले मामले में उन पर एक्शन लिया जा सकता है. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चला था, जिसे मैनिपुलेटेड बताया जा रहा है. लेकिन ट्विटर ने इसे फ्लैग नहीं किया था, ऐसे में ट्विटर पर भी मामले में केस दर्ज हुआ है.
सूत्र ने बताया कि नए आईटी नियम 25 मई, 2021 से लागू हो चुके हैं, लेकिन ट्विटर ही एक ऐसा अकेला टेक प्लेटफॉर्म है जिसने इन नियमों का पालन नहीं किया है. इसकी वजह से एक इंटरमीडियरी के तौर पर अपनी सुरक्षा खो चुके हैं. और अब जब उन्हें इसके तहत कोई सुरक्षा नहीं मिली हुई है और उन्होंने इस घटना के वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया के तौर पर फ्लैग नहीं किया तो उनपर एक्शन लिया जा सकता है.
सूत्र ने बताया कि 'सरकार ने गुडविल के रूप के 5 जून को ट्विटर को आख़री पत्र लिख कर तुरंत नए नियमों के पालन की सलाह दी थी. ट्विटर ने 6 जून को लिखे पत्र में स्वयं कहा था कि एक सप्ताह में वो चीफ़ कम्प्लायन्स ऑफ़िसर नियुक्त करेंगे, लेकिन यह भी नहीं किया.' सूत्र का कहना है कि अभी तक सरकार को ट्विटर के CCO की कोई डिटेल नहीं मिली है.
ट्विटर ने कार्टूनिस्ट मंजुल, अन्य को कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अनुरोध पर नोटिस भेजे
हालांकि, ट्विटर का कहना है कि कंपनी ने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ जल्द ही ब्यौरा साझा किया जाएगा. ट्विटर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि नए दिशा-निर्देशों का पालन करने की हर कोशिश जारी है.
गाजियाबाद की लोनी पुलिस ने दर्ज किया है केस
बता दें कि ग़ाज़ियाबाद की लोनी पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज किया है. यह केस मुस्लिम बुज़ुर्ग अब्दुल समद के मामले में दर्ज किया गया है. पुलिस ने मोहम्मद जुबैर, राणा अयूब, द वायर, सलमान निज़ामी, मशकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर और ट्विटर कॉम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 153,153A,295A,505 ,120B और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस का कहना कि ये गलत प्रसारित किया गया कि अब्दुल समद को हिंदु युवकों ने मारा, जबकि इसमें मुस्लिम युवक भी गिरफ्तार किए गए हैं.