दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी-20 समिट (G-20 Summit 2023) को सफल बनाने के लिए सरकार और प्रशासन जोर-शोर से लगी है. इस बीच विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने NDTV के जी-20 कॉन्क्लेव (#DecodingG20WithNDTV) में कहा कि कई देश तरक्की के लिए भारत की ओर उम्मीदों की नजरों से देख रहे हैं. क्योंकि भारत "ग्लोबल साउथ की आवाज" के रूप में उभर रहा है. हर्षवर्धन शृंगला भारत की जी-20 अध्यक्षता के मुख्य समन्वयक भी हैं.
शृंगला ने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और मुद्रास्फीति पर ग्लोबल साउथ की चिंताओं को देखा है, क्योंकि विकसित देश यूक्रेन युद्ध में व्यस्त हैं. जी-20 की भारत की अध्यक्षता ऐसे देशों के लिए आशा की किरण है.
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उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद( UNSC) में प्रतिनिधित्व बढ़ाने को लेकर हमारी स्थिति हमेशा से रही है. हमने SCO और BRICS समिट के दौरान भी इस पर चर्चा की थी. हम चाहते हैं कि विश्व व्यवस्था प्रतिनिधित्वपूर्ण हो. BRICS में हमारे साझेदार UNSC में अधिक प्रतिनिधित्व के लिए भी सहमत हुए हैं."
हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, "कोविड महामारी के बाद और यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के पास जी-20 की अध्यक्षता एक कठिन समय में आई है." उन्होंने कहा, "... कोविड और यूक्रेन युद्ध दोनों का प्रभाव दुनियाभर में महसूस किया गया है. हमें यह ध्यान रखना होगा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को स्थितियों से निपटना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए हैं. अच्छे प्रतिनिधित्व वाले जी-20 जैसे छोटे समूह प्रभावी रहे हैं. कई देशों के लिए भारत की जी-20 की अध्यक्षता आशा की किरण जैसी है. यह चुनौतियों का समाधान करने का एक मौका है."
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