पेड़ पर फंसे थे 50 बंदर, चारों तरफ बाढ़ का पानी, ग्रामीणों ने ऐसे बचाया

बंदर नदी किनारे स्थित सिवारा क्षेत्र में एक पेड़ पर फंसे हुए थे. जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, वे तुरंत एकजुट हुए और एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी बंदरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

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  • यवतमाल जिले की पैनगंगा नदी में बाढ़ के कारण संगम चिंचोली, करोडी और पलाशी गांव जलमग्न हो गए हैं.
  • नदी का जलस्तर 12 मीटर से ऊपर पहुंचने से तीन दिनों से जनजीवन और जानवरों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
  • हदगांव तालुका के गुरफली गांव में ग्रामीणों ने बाढ़ में फंसे लगभग 25 बंदरों को सफलतापूर्वक बचाया है.
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यवतमाल:

महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में पैनगंगा नदी में आई बाढ़ ने बीते तीन दिनों से जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. नदी का जलस्तर 12 मीटर से ऊपर पहुंच गया है, जिससे संगम चिंचोली, करोडी, पलाशी जैसे कई गांव जलमग्न हो गए हैं. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और इंसानों के साथ-साथ जानवर भी संकट में हैं.

इसी बीच गुरफली गांव में मानवता की मिसाल देखने को मिली. हदगांव तालुका के इस गांव में ग्रामीणों ने बाढ़ में फंसे करीब 25 बंदरों को बचाया. ये बंदर नदी किनारे स्थित सिवारा क्षेत्र में एक पेड़ पर फंसे हुए थे. जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, वे तुरंत एकजुट हुए और एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी बंदरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

यह घटना न सिर्फ संकट में फंसे जानवरों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आपदा की घड़ी में इंसानियत अब भी जिंदा है.

वहीं, मुंबई में पिछले दो दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. भारी बारिश के कारण उपनगरीय रेल सेवाएं ठप हो गईं, सड़कों पर जलभराव हो गया और मोनोरेल ट्रेनों में सैकड़ों यात्री फंस गए. साथ ही जगह-जगह जाम ने कभी न रुकने वाली मुंबई को भी जैसे रोक दिया. 

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