पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. खासकर असम और अरुणाचल प्रदेश में हालत बेहद खराब बताए जा रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश के डिबांग वैली जिले में भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं. भारी बारिश के चलते नदी के उफान में पुल बह जाने से गांवों का संपर्क टूट गया है. प्रशासन अब ड्रोन और एयरड्रॉप के जरिए फंसे ग्रामीणों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
डिबांग वैली के इतालिन सर्कल के अंतर्गत आने वाले मावली गांव में छह लोग फंसे हुए हैं, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. यह लोग 30 मई से गांव में फंसे हुए हैं. मावली गांव तक पहुंचने के लिए दो फुट सस्पेंशन ब्रिज थे, जो भारी बारिश के कारण नदी की बाढ़ में बह गए. इन पुलों के बह जाने से गांव का जिला मुख्यालय अनीनी से संपर्क पूरी तरह टूट गया. अनीनी मावली गांव से 139 किलोमीटर दूर है.
जिला प्रशासन की तरफ से बचाव अभियान जारी है. फंसे लोगों तक ड्रोन और एयरड्रॉप के जरिए पके हुए खाने के पैकेट पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन पहला प्रयास बीच में ही विफल रहा. इसके बावजूद प्रशासन लगातार राहत पहुंचाने के लिए प्रयासरत है.
इधर, अनीनी के विधायक मोपी मिहू, डिप्टी कमिश्नर पगली सोरा, जिला परिषद अध्यक्ष थेको तायु और पीडब्ल्यूडी, आरडब्ल्यूडी और कृषि विभाग के अधिकारी राहत कार्यों का जायजा लेने अठुनली और एचनली गांव पहुंचे. इन दोनों गांवों में भी बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची है. कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. प्रशासनिक टीम ने यहां भी राहत सामग्री वितरित की और स्थिति का आकलन किया.
डिबांग वैली सहित पूरे उत्तर-पूर्व भारत में लगातार हो रही भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. न सिर्फ सड़कों का संपर्क बाधित हुआ है बल्कि कई गांवों में पीने के पानी, भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की भी समस्या उत्पन्न हो गई है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है.
प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर से भी राहत पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भी प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता भेजने की तैयारी की जा रही है.
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