भारत के Aditya-L1 ने पहली बार भेजी सूरज की फुल डिस्क इमेज, 11 अलग-अलग रंगों में दिखा

ISRO ने बताया कि Aditya-L1 के SUIT पेलोड को 20 नवंबर 2023 को ऑन किया गया था. इस टेलिस्कोप ने सूरज के फोटोस्फेयर (Photosphere) और क्रोमोस्फेयर (Chromosphere) की तस्वीरे क्लिक की हैं.

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नई दिल्ली:

भारत के पहले सोलर मिशन (Aditya-L1 Mission) की कामयाबी दिखने लगी है. Aditya-L1 ने सूरज की पहली फोटो भेजी है. सैटेलाइट के सोल अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT) ने सूरज की तस्वीरें कैद की हैं. भारत की स्पेस एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को यह जानकारी दी. ये सभी तस्वीरें 200 से 400 नैनोमीटर वेवलेंथ की है. तस्वीरों में सूरज (Solar Mission) 11 अलग-अलग रंगों में दिखाई दे रहा है.  

ISRO ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में बताया, ''SUIT पेलोड ने अल्ट्रवॉयलेट वेवलेंथ्स (तरंग दैर्ध्य) के पास सूर्य की फुल डिस्क इमेज कैप्चर की हैं. तस्वीरों में 200 से 400 NM तक की वेवलेंथ में सूर्य की पहली फुल-डिस्क रिप्रजेंटेशन शामिल है. ये तस्वीरें सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर के बारे में इंट्रिकेट डिटेल देती है."

SUIT पेलोड को  20 नवंबर 2023 किया गया था लॉन्च
ISRO ने बताया कि Aditya-L1 के SUIT पेलोड को 20 नवंबर 2023 को ऑन किया गया था. इस टेलिस्कोप ने सूरज के फोटोस्फेयर (Photosphere) और क्रोमोस्फेयर (Chromosphere) की तस्वीरे क्लिक की हैं. फोटोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह है. जबकि क्रोमोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह और इसके बाहरी वायुमंडल कोरोना के बीच मौजूद पतली परत से है.

Aditya-L1 ने इससे पहले 6 दिसंबर को सूरज की तस्वीर ली थी. ये इमेज पहली लाइट साइंस इमेज थी. इस बार सूरज की फुल डिस्क इमेज ली गई है. यानी सूरज का जो हिस्सा पूरी तरह से सामने है, उसे कैप्चर किया गया है. इन तस्वीरों में सूरज पर मौजूद धब्बे, प्लेग और इसके शांत पड़े हिस्से देखे जा सकते हैं.

2 दिसंबर को हुई थी Aditya-L1 की लॉन्चिंग
ISRO ने सौर वायुमंडल की स्टडी के लिए 2 सितंबर को देश के पहले सोलर मिशन Aditya-L1 को लॉन्च किया था. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट व्हीकल (PSLV-C57) के जरिए इसे लॉन्च किया गया.

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क्या है मिशन का मकसद
इस सोलर मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लांग्रेज पॉइंट 1 (L1) की प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होना है. लांग्रेज पॉइंट अंतरिक्ष में ऐसे स्थान होते हैं, जहां किसी चीज को रखने पर उन्हें वहां लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है. 

वैज्ञानिक जोसेफ लुई लाग्रेंज के नाम पर इस पॉइंट का नाम रखा गया है. सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के सिस्टम में ऐसे पांच पॉइंट हैं. L1 ऐसा पॉइंट है, जहां 24 घंटे सूरज पर नजर बनाए रखी जा सकती है.

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Aditya-L1 में लगे हैं 7 पेलोड
आदित्य-एल1 मिशन में SUIT समेत 7 पेलोड का इस्तेमाल किया गया है. चार पेलोड सीधे सूरज पर नजर बनाए रखने के लिए हैं. बाकी तीन लाग्रेंज पॉइंट 1 पर पार्टिकल्स और फील्ड्स का इन-सीटू की स्टडी के लिए हैं.

7 पेलोड में सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT), विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्पेरिमेंट (ASPEX) और एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रिजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर शामिल हैं. SUIT, SoLEXS और HEL1OS पेलोड सूरज पर नजर बनाए रखने के लिए है.
 

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