अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए भारत से गेहूं की पहली खेप रवाना

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने गेंहू की खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया, पाकिस्तान के रास्ते से अफ़ग़ानिस्तान पहुंचाया जा रहा गेहूं

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने गेंहू की पहली खेप को झंडी दिखाकर अफगानिस्तान रवाना किया.
नई दिल्ली:

भारत ने अफ़गानिस्तान की जनता के लिए मानवीय मदद के तौर पर 50,000 मीट्रिक टन गेहूं देने का जो फ़ैसला किया था उसे भेजा जाना शुरू हो गया है. गेंहू पाकिस्तान के रास्ते से अफ़ग़ानिस्तान पहुंचना है इसलिए तौर तरीका तय करने में लंबा समय लग गया. विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने गेंहू की खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया. गेहूं की खेप ले जाने के लिए आए एक अफगान ने इस भारतीय मदद पर खुशी जताई.

दरअसल तालिबान के क़ब्ज़े के बाद जो भयावह परिस्थिति बनी है उससे अफगानिस्तान में बड़ी आबादी दाने-दाने को मोहताज हो रही है. ऐसे में अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को भारत जैसे पुराने दोस्त से मदद की बड़ी आस है. यह गेहूं उसी दिशा में एक और क़दम है.

इस मौके पर भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत फ़रीद मामुंज़ई भी मौजूद थे. अफ़ग़ानिस्तान में अशरफ़ गनी के राष्ट्रपति रहते हुए राजदूत नियुक्त हुए मामुंज़ई लगातार इस कोशिश में जुटे हैं कि आम अफ़ग़ानों के लिए कैसे अधिक से अधिक सहायता जुटाई जाए. भारत से दवा, वैक्सीन आदि भी भेजी जा चुकी है.

अफगानिस्तान में तीव्र खाद्य असुरक्षा के हालात में विदेश मंत्रालय ने उसे 50,000 मीट्रिक टन गेहूं मानवीय मदद के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया है. एफसीआई जूट बैग में आरएमएस (रबी मार्केट सीजन) 2020-21 के गेहूं की डिलीवरी करेगा. गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए बोरियों को डबल बैग किया गया है. यात्रा के दौरान खेप को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक सावधानियों से संबंधित दिशा-निर्देश अफगान परिवहन एजेंसी को दिए गए हैं. खेप में शामिल प्रत्येक बोरी में गेहूं का शुद्ध भार 50 किग्रा है.

गेहूं की गुणवत्ता का डब्ल्यूएफपी अनुमोदित प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया है. प्रत्येक बैग पर लिखा है- "भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान के लोगों को उपहार." पहले काफिले में अफगानिस्तान के 50 ट्रक हैं. यह पहला काफिला लगभग 2500 मीट्रिक टन गेहूं लेकर रवाना हुआ है. गेहूं जलालाबाद (अफगानिस्तान) में WFP को सौंपा जाएगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द
Topics mentioned in this article