Agniveers Training: हैदराबाद में अग्निवीरों के पहले बेंच की ट्रेनिंग शुरू, 6 महीने बाद होगी तैनाती

Agneepath Scheme: भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ योजना के तहत 'अग्नीवीरों' के पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भर्ती हुए जवानों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटरों में रिपोर्ट किया है. 'अग्नीवीरों' के पहले बैच में महिलाएं भी शामिल हैं.

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जून 2022 में सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लागू किया था.

हैदराबाद:

हैदराबाद में अग्निपथ स्कीम  (Agneepath Scheme) के तहत देश के पहले अग्निवीरों के बैच की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. पहले बैच में 40 हजार अग्निवीर हैं. इनकी ट्रेनिंग के (Agniveers Training) लिए स्पेशल कोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. ये सारी तैयारियां आठ महीने से कम वक्त में की गई हैं. पहले 10 हफ्ते अग्निवीरों की बेसिक ट्रेनिंग होगी. बाद में एडवांस ट्र्रेनिंग दी जानी है. 6 महीने कीसख्त ट्रेनिंग के बाद ही भारतीय सेना में इनकी तैनाती की जाएगी. 

भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ योजना के तहत 'अग्नीवीरों' के पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भर्ती हुए जवानों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटरों में रिपोर्ट किया है. 'अग्नीवीरों' के पहले बैच में महिलाएं भी शामिल हैं. 

इन जगहों पर भी चल रही है ट्रेनिंग
हैदराबाद के अलावा अग्निवीरों की ट्रेनिंग बख्तरबंद कोर ट्रेनिंग सेंटर, अहमदनगर (महाराष्ट्र); तोपखाना ट्रेनिंग सेंटर, नासिक (महाराष्ट्र); आर्टिलरी ट्रेनिंग सेंटर, हैदराबाद (तेलंगाना), जकरीफ रेजिमेंटल सेंटर, जबलपुर (मध्य प्रदेश), बेंगलुरु (कर्नाटक), पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ (झारखंड), नागपुर (महाराष्ट्र) में भी दी जा रही है.

जून 2022 में लॉन्च हुई थी स्कीम
बता दें कि जून 2022 में सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम को लागू किया था. अब सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए यही एकमात्र योजना है. इस अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा. ये सभी अग्निवीर चार साल के लिए सेना में भर्ती होंगे. चार साल की सेवाओं के बाद समीक्षा की जाएगी.

25 प्रतिशत को ही किया जाएगा रिटेन
समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे अपनी सेवाएं दे पाएंगे और बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा. चार साल के बाद जो अग्निवीर सेना में सेवाएं देगा, वही सैनिक कहलाया जाएगा.

अगले 10 साल भारतीय सेना में 50 प्रतिशत होंगे अग्निवीर
इसके अलावा भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम के तहत पहले साल यानी (2022-23) में कुल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी. माना जा रहा है कि अगले 10 साल यानी 2032 में भारतीय सेना में 50 प्रतिशत अग्निवीर होंगे और बाकी 50 प्रतिशत नियमित सैनिक होंगे.

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अग्निवीरों को कितना वेतन मिलेगा?
ज्वॉइनिंग के पहले साल में अग्निवीरों को 4.76 लाख रुपये का पैकेज मिलेगा. 4 साल का कार्यकाल खत्म होने तक इसे 6.92 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. यानी अग्निवीरों को हर महीने 30 हजार से 40 हजार सैलरी मिलेगी. इसके अलावा तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल, भत्ता मिलेगा. सरकार 44 लाख का बीमा भी कराएगी.

4 साल बाद रिटायर हुए अग्निवीरों को क्या सुविधाएं मिलेंगी?
सेना से रिटायर होने वाले 75% अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा. यह 11-12 लाख रुपये का पैकेज आंशिक तौर पर अग्निवीरों के ही मंथली कंट्रीब्यूशन से फंड किया जाएगा. इसके अलावा उनको मिले स्किल सर्टिफिकेट और बैंक लोन के जरिए उन्हें दूसरा करियर शुरू करने में मदद की जाएगी.

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4 साल बाद अग्निवीरों को कहां-कहां मिलेगी नौकरी?
4 साल तक सेवा देने के बाद अग्निवीरों को सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में उनके स्किल के आधार पर नौकरी देगी. मसलन गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया है. 4 साल तक देश सेवा करने के बाद अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में वरीयता मिलेगी. BSF, CISF,CRPF,ITBP,SNG और SSB में अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. असम राइफल्स में भी अग्निवीरों को मौका मिलेगा. अग्निवीरों को होम गार्ड्स और यूपी पुलिस में भी वरीयता दी जाएगी.

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