- बरेली में दिशा पटानी के घर फायरिंग के दोनों आरोपी गाजियाबाद में मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए थे.
- गंभीर रूप से घायल बदमाशों को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
- मुठभेड़ यूपी एसटीएफ नोएडा यूनिट और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने की थी.
बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर के बाहर गोलीबारी में कथित रूप से शामिल रोहित गोदारा-गोल्डी बरार गिरोह के दो बदमाशों को पुलिस ने बुधवार को गाजियाबाद में ट्रोनिका सिटी के पास एक मुठभेड़ में मार गिराया. यह मुठभेड़ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ, उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और हरियाणा एसटीएफ के एक संयुक्त अभियान के तहत हुई. अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी रविंदर और सोनीपत निवासी अरुण के रूप में हुई है.
हरियाणा एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुठभेड़ के दौरान दोनों बदमाशों की गोली लगने से मौत की पुष्टि की और बताया कि विशेष प्रकोष्ठ का एक जवान भी घायल हुआ है. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया, “बरेली गोलीबारी मामले में दोनों बदमाशों की स्पष्ट भूमिका थी, जिसने हाई-प्रोफाइल हस्तियों के आसपास सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया. इस घटना के जबरन वसूली से जुड़े होने का संदेह था.”
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के अन्य फरार सदस्यों का पता लगाने के लिए मामले की जांच जारी है. अज्ञात हमलावरों ने 12 सितंबर को तड़के पौने चार बजे पाटनी के बरेली स्थित आवास के बाहर कई गोली चलाई थीं, जिससे इलाके में दहशत फैल गई.
बरेली कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की राज्य सरकार की नीति को दोहराते हुए मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली, खुफिया जानकारी जुटाई और पड़ोसी राज्यों के रिकॉर्ड का मिलान किया, जिससे शूटरों की पहचान रोहतक के काहनी निवासी रविंद्र और सोनीपत के गोहाना रोड स्थित इंडियन कॉलोनी निवासी अरुण के रूप में हुई.
इससे पहले, अधिकारियों ने बताया था कि एसटीएफ की नोएडा इकाई और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी में दोनों को पकड़ा. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में दोनों आरोपी गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था.
अमिताभ यश ने रवींद्र और अरुण दोनों के रोहित गोदारा-गोल्डी बराड़ गिरोह के सक्रिय सदस्य होने की पुष्टि की थी. रवींद्र का आपराधिक इतिहास रहा है और वह पहले भी कई मामलों में शामिल रहा है. उन्होंने बताया कि मौके से एक ग्लॉक और एक जिगाना पिस्तौल के साथ भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं.