मुंबई में रविवार सुबह दो मंजिला दुकान-सह-आवासीय इमारत में आग लगने से तीन नाबालिग सहित सात लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना सुबह पांच बजकर 20 मिनट पर चेंबूर इलाके की सिद्धार्थ कॉलोनी में हुई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बाद में घटनास्थल का दौरा किया उन्होंने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि इस घटना ने एक बार फिर फायर एनओसी सहित कई मुद्दों को लेकर सवाल खड़ कर दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इमारत के भूतल का इस्तेमाल दुकान के रूप में और ऊपरी मंजिल का इस्तेमाल आवास के रूप में किया जा रहा था.
बिल्डिंग में अंदर जाने का था एक ही रास्ता
जानकारी के अनुसार बिल्डिंग में अंदर जाने का एक ही रास्ता था.आग की ऊंचीं लपटें देखकर पड़ोसी अंदर फंसे परिवार को रेस्क्यू नहीं कर पाये. फायर ब्रिगेड को भी घर के बाहर से ही आग बुझानी पड़ी. जब तक आग पूरी तरह से बुझ नहीं गए तब तक वो भी अंदर दाखिल नहीं हो पाए. एक ही रास्ता होने के कारण लोग अंदर ही फंसे रह गए. उन्हें बाहर जाने का रास्ता नहीं मिला.
चेंबूर में कैसे लगी आग?
घटना चेंबूर पूर्व के एएन गायकवाड़ मार्ग पर सुबह 5 बजे के करीब हुई. अधिकारियों ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद दुकान में पहले आग लगी. आग दीए से शुरू हुई थी.बाद में शॉट सर्किट की घटना हुई जिसके बाद वो फैलता गया. जिसकी चपैट में पूरा मकान आ गया. उन्होंने बताया कि आग भूतल पर स्थित दुकान में बिजली के तारों और अन्य उपकरणों में लगी और बाद में इसने ऊपरी मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया.
मुंबई में लगातार हो रही है आग लगने की घटनाएं
मुंबई में हाल के दिनों में आग लगने की घटनाओं में काफी तेजी आयी है. पिछले सप्ताह मुंबई के बाहरी इलाके में एक फैक्ट्री में आग लग गयी थी.इससे पहले मुंबई के घाटकोपर इलाके के शांति नगर में आग लगने की घटना हुई थी जिसमें कई लोग फंस गए थे. आग ग्राउंड पर बिजली मीटर कक्ष में लगी थी. आग के कारण पूरी इमारत में धुआं फैल गया था जिससे कई लोग फंस गए थे. इस घटना में 80-90 लोग फंस गए थे जिन्हें बाद में रेस्क्यू किया गया था. जिनमें से लगभग एक दर्जन लोगों को अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ा था.
पिछले महीने 6 सिंतबर को मुंबई के लोअर परेल वेस्ट में टाइम्स टावर बिल्डिंग में आग लग गई थी. अधिकारियों के मुताबिक. हालांकि इस घटना कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. फायर बिग्रेड की कई गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया था.
मुंबई में फायर बिग्रेड को आते हैं औसतन 7000 इमर्जेंसी कॉल
मुंबई में हर साल औसतन 7000 इमर्जेंसी कॉल फायर ब्रिगेड के पास आते हैं. इसमें 90 पर्सेंट कॉल्स आग की घटनाओं के होते हैं. बताते चलें कि प्रतिदिन औसतन 15 कॉल फायर ब्रिगेड को आग के आते हैं. फायर ब्रिगेड के अधिकारी के अनुसार मुंबई में आग की घटनाएं काफी तेजी से बढ़े हैं. तंग गलियों के कारण आग बुझाने में फायर बिग्रेड को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
पांच साल में 26 हजार से अधिक आग की घटनाएं
मुबई फायर बिग्रेड के डेटा के अनुसार साल 2017 से 2022 के दौरान 26 हजार से अधिक आग लगने की घटनाएं मुंबई में हुई. इन घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान गयी. आग लगने की घटनाओं में सबसे बड़ी चुनौती लोगों की जान को बचाना होता है. इन घटनाओं में आसपास के लोग भी काफी प्रभावित होते हैं. तंग गलियों की वजह से परेशानी और भी अधिक बढ़ जाती है.