मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) के खिलाफ आदिवासी बच्चों की शिक्षा के नाम पर एकत्रित करीब 13 करोड़ की राशि के कथित दुरुपयोग के आरोप में FIR दर्ज की गई है. मेधा पाटकर के अलावा 11 अन्य के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नर्मदा नवनिर्माण अभियान ट्रस्ट द्वारा एकत्र धन का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा है.
बड़वानी थाने में प्रीतम राज बड़ोले नाम के युवक ने FIR दर्ज कराई है. बड़ोले ने आरोप लगाया है कि मेधा पाटकर ने जनता को गुमराह किया और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए बड़ी मात्रा में मिली धनराशि को उनके द्वारा अन्य राजनीतिक और राष्ट्र विरोधी एजेंडे पर खर्च किया गया है, जिसकी जांच की आवश्यकता है.
इसके साथ ही बड़ोले ने आरोप लगाया गया कि 14 वर्षों में ट्रस्टियों ने 13 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा की है, जिसके स्रोत और व्यय का खुलासा नहीं किया गया है. इनमें से डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि बैक से नकद निकाली गई है. निकासी की ऑडिट और खाता विवरण भी अस्पष्ट है. वहीं ट्रस्ट के 10 खातों में से 4 करोड़ से अधिक राशि की नियमित और अज्ञात निकासी हुई है.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ट्रस्ट ने एकत्रित दान की राशि के पैसे को विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन के लिए डायवर्ट किय गया. मेधा पाटकर के सेविंग अकाउंट में 19 लाख रुपये से अधिक की राशि आई है, जबकि उन्होंने इंदौर की एक कोर्ट में 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष आय का दावा किया है.
इस मामले में मेधा पाटकर ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अभी पुलिस की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है. हम सभी आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार है, आर्थिक मुद्दे को लेकर अगर शिकायत है तो हमारे पास ऑडिट रिपोर्ट भी मौजूद है. सुप्रीम कोर्ट में भी केस दाखिल किया गया था जो कि आज दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर बन गए है वो हार गए थे क्योंकि हम विदेशी पैसा नहीं लेते हैं. हमारे अकाउंट्स का आडिट होता रहता है और आगे भी हम जवाब और सबूत पेश करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत करने वाला ABVP और RSS से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि इस मामले के पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकता है या फिर FIR कराकर बदनाम करने की साजिश हो सकती है.
उन्होंने राष्ट्रद्रोह पर कहा कि राष्ट्रवाद और राष्ट्रद्रोह क्या होता है? इस पर देश में बहस चल रही है, जो सही काम करते हैं, व्यवस्था पर सवाल पूछने के बाद उन्हें राष्ट्रद्रोही कहा जाता है तो जनता तय करेगी कि यह क्या है. हमारे ऊपर अगर चार्ज लगाएंगे तो हम जवाब देंगे.
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