- केंद्रीय मंत्री ललन सिंह पर चुनाव आयोग की तरफ से केस दर्ज किया गया है
 - ललन सिंह की विवादित टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों की तरफ से कार्रवाई की मांग की गई थी
 - राजद और कांग्रेस ने ललन सिंह की टिप्पणी को चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाला बताया था
 
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है. मोकामा में दिए भाषण पर राजनीतिक हंगामे के बीच चुनाव आयोग ने भी एक्शन लिया है और ललन सिंह को पहले नोटिस जारी किया गया और अब उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने सोमवार को मोकामा में प्रचार किया था. जदयू ने अनंत सिंह को मैदान में उतारा है, जिन्हें पिछले दिनों जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे दुलार सिंह यादव की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोकामा में ललन सिंह और जदयू के अन्य नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए मोर्चा संभाला था.
अपने चुनावी भाषण में ललन सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि कुछ लोग हैं, उन्हें चुनाव के दिन घर से बाहर नहीं निकलने देना है. अगर वे ज्यादा गिड़गिड़ाएं तो उन्हें अपने साथ ले जाइए और वोट देने के बाद घर वापस लाकर छोड़ दीजिए. अभी कमान संभालिए. चुनाव के लिए अब समय नहीं बचा है. ललन सिंह का कथित वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर है.
राजद ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ाते हुए कह रहे हैं कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है. घर में बंद कर देना है और अगर ज्यादा हाथ-पैर जोड़ेगा तो अपने साथ ले जाकर वोट गिराने देना है." इसके साथ ही, राजद ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए. कांग्रेस ने 'एक्स' पर ललन सिंह का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मोदी सरकार के मंत्री ललन सिंह का कहना है कि जो लोग भाजपा-जदयू के खिलाफ वोट करने वाले हैं, चुनाव के दिन उन्हें घर से निकलने मत दो."
कांग्रेस ने पूछा कि क्या 'निष्पक्ष' चुनाव आयोग इस पर कोई एक्शन लेगा या हर बार की तरह भाजपा-जदयू के नेताओं को पुचकारता रहेगा. इसी बीच, चुनाव आयोग ने ललन सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. माना जा रहा है कि ललन सिंह को उनकी विवादित टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा गया है.
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