- NDTV के GST कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री ने बताया कि GST रिफॉर्म क्या टैरिफ के जवाब में किए गए.
- निर्मला ने बताया कि पीएम मोदी की पहल पर जीएसटी सुधारों के लिए डेढ़ साल से काम चल रहा था.
- वित्त मंत्री ने कहा कि इसका अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से पैदा हुए संकट से कोई लेना-देना नहीं है.
भारत में जीएसटी सुधारों का ऐलान ऐसे समय हुआ, जब अमेरिका ने भारी भरकम टैरिफ थोप दिए थे. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि क्या मोदी सरकार ने टैरिफ के जवाब में उसका असर कम करने के लिए जीएसटी स्लैब घटाए हैं. इस सवाल का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV के जीएसटी कॉन्क्लेव में जवाब दिया.
NDTV कॉन्क्लेव में एनडीटीवी के सीईओ राहुल कंवल ने निर्मला सीतारमण को देश में दूसरी सबसे लोकप्रिय व्यक्ति बताते हुए सवाल किया कि जीएसटी का यह बिगबैंग रिफॉर्म करने के लिए उन्होंने सभी को राजी कैसे किया, क्योंकि ये कोई आसान काम नहीं था. क्या इसका अमेरिकी टैरिफ से कोई लेना-देना है?
इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी स्लैब घटाने को लेकर पिछले 18 महीने से काम चल रहा था. इस दौरान जीएसटी स्लैब को 4 से घटाकर 2 करने और स्वास्थ्य व जीवन बीमा प्रीमियम समेत कई वस्तुओं को छूट देने पर विचार किया जा रहा था. बीच में चुनाव आए. पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली. एक दिन उन्होंने मुझे फोन करके पूछा कि क्या जीएसटी पर काम चल रहा है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करते NDTV के सीईओ राहुल कंवल.
निर्मला ने आगे बताया कि इस पर मैंने पीएम को जवाब दिया कि हां जीएसटी सुधारों पर काम चल रहा है. ये राजस्थान में हुई जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक से काफी पहले की बात है. इस बीच बजट आया, जिसमें हमने इनकम टैक्स सुधारों का ऐलान किया. उस दौरान भी प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा था कि जीएसटी पर काम चल रहा है ना? तब मैंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि ऐसा होकर रहेगा.
NDTV Profit के जीएसटी कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
उन्होंने आगे बताया कि ये करीब मई की बात थी, जब मुझे लगा कि हां अब मेरे पास जीएसटी को लेकर कुछ ठोस देने के लिए है. मैंने पीएम को अपने प्रस्तावों के बारे में ब्रीफ किया. उनकी सलाह पर प्रस्तावों को जीएसटी काउंसिल को सौंपा गया और इस तरह ये काम हुआ. निर्मला ने कहा कि इसका टैरिफ संकट से कोई लेना-देना नहीं है. इस पर काफी पहले से काम चल रहा था. ऐसा नहीं था कि टैरिफ की वजह से हमारे ऊपर कोई संकट था.