गोवा में लगी आग, दिल्‍ली में घर पहुंचा लिफाफा.. लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड क्‍यों-कैसे भागे, NDTV का बड़ा खुलासा

Goa Birch Club fire: गोवा पुलिस का कहना है कि नाइटक्‍लब में लगी आग कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्थित लापरवाही और सुरक्षा चेतावनियों की बार-बार अनदेखी का नतीजा थी. घटना से पहले बिर्च क्लब को गोवा पुलिस से कम से कम तीन आधिकारिक नोटिस मिले थे.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • गोवा के बिर्च क्लब में आग लगने के बाद लूथरा ब्रदर्स ने तुरंत थाईलैंड भागने की पूर्व नियोजित योजना बनाई थी
  • आग लगने के समय लूथरा ब्रदर्स दिल्ली में थे और उन्होंने घटना के बाद लगातार टीम से संपर्क बनाए रखा था
  • क्लब के दूसरे मालिक अजय गुप्ता ने भी आग लगने के तुरंत बाद गोवा छोड़कर दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

गोवा के नाइटक्‍लब बिर्च क्लब में आग लगने के तुरंत बाद लूथरा ब्रदर्स ने चुपचाप दिल्‍ली से थाईलैंड भागने का रास्‍ता खोल निकाला था. वहीं, नाइटक्‍लब के दूसरे मालिक अजय गुप्‍ता भी देश छोड़कर भागने का रास्‍ता बना रहे थे. पुलिस की चेतावनियों को नजरअंदाज करने से लेकर आखिरी समय में हवाई यात्रा करने और अस्पतालों में छिपने तक, यह घातक आग अचानक नहीं लगी थी. यह बार-बार की गई लापरवाही और जानबूझकर कानून की अवहेलना का नतीजा थी. लूथरा ब्रदर्स और अजय गुप्‍ता इस बात को जानते थे. वे जानते थे कि इस आग की लपटें उनके दामन तक जरूर पहुंचेंगी. इसलिए देश छोड़कर भागने की प्‍लानिंग तुरंत शुरू कर दी गई थी. 

लूथरा बंधु रणनीति के तहत भागे थाईलैंड

लूथरा ब्रदर्स देश छोड़कर कैसे भागने में कामयाब रहे, एनडीटीवी के हाथ इसकी पूरी जानकारी लगी है. रोमियो लेन स्थित बिर्च क्लब में लगी भीषण आग के बाद जांच एजेंसियां ये तलाशने में जुटी हुई हैं आखिर ये घटना कैसे हुई? हालांकि, इस मामले में फोकस अब इस बात पर हो गया है कि क्लब के प्रमुख प्रमोटरों ने कथित तौर पर जवाबदेही से बचने की कोशिश कैसे की? लूथरा ब्रदर्स को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. संदेह है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद एक पूर्व नियोजित  रणनीति को अंजाम दिया. गोवा पुलिस सूत्रों का कहना है कि आग लगने के तुरंत बाद लूथरा ब्रदर्स गायब हो गए. जब ​​आग लगी, तब लूथरा ब्रदर्स दिल्‍ली में एक शादी में शामिल होने गए थे. लेकिन वे  आग लगने की घटना के बाद अपनी टीम के साथ लगातार संपर्क में रहे और पल-पल का हाल जानते रहे. 

एक लिफाफा लूथरा ब्रदर्स के मुखर्जी नगर घर पहुंचाया गया

सूत्रों का कहना है कि सूचना मिलते ही एक लूथरा ब्रदर ने तुरंत भागने की योजना बनानी शुरू कर दी. शादी समारोह से लूथरा बद्रर्स में से एक ने ऑफिस के कर्मचारी को सबसे पहली सीधी उड़ान बुक करने का निर्देश दिया. इधर, क्लब मैनेजर भरत कोहली को मॉडल टाउन ऑफिस पहुंचने और एक खास लिफाफा लाने को कहा गया. ये लिफाफा लूथरा ब्रदर्स के मुखर्जी नगर स्थित घर पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया, जहां उसे कोहली के कमरे में रखा जाना था.

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि ये कदम सोचे-समझे थे, जल्‍दबाजी में लिये गए फैसले नहीं थे. एक लूथरा ब्रदर्स के पास ब्रिटेन का दीर्घकालिक वीजा होने के बावजूद, दोनों ने एक साथ भारत छोड़कर थाईलैंड जाने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि आग लगने से ठीक चार दिन पहले ही दोनों भाई परिवार के सदस्यों के साथ दुबई से लौटे थे. अब अधिकारियों द्वारा आग की त्रासदी की पूरी घटनाक्रम को समझने के लिए उनकी थाईलैंड यात्रा की जांच की जा रही है.

क्लब के वास्तविक मालिक अजय गुप्ता का भागने का रास्ता

अजय गुप्ता ने सार्वजनिक रूप से खुद को नाइटक्‍लब का महज एक 'साइलेंट पार्टनर' बताया था, लेकिन पुलिस जांच में वह मुख्‍य शख्‍स के रूप में उभरे हैं. उनके दावे के विपरीत गोवा पुलिस का कहना है कि गुप्ता नाइटक्‍लब के सबसे एक्टिव पार्टनर थे और बिर्च क्लब सहित रोमियो लेन के पूरे बिजनेस को मैनेज कर रहे थे. आग लगने की रात गुप्ता गोवा में थे और घटना की खबर मिलने के बाद कथित तौर पर प्रियांशु ने उन्हें जगाया था. पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि गुप्ता त्रासदी के कुछ ही घंटों के भीतर डाबोलिम से दिल्ली के लिए सुबह की फ्लाइट से रवाना हुए थे. जांचकर्ताओं के अनुसार, वह 27 नवंबर से गोवा में रह रहे थे और आग लगने के बाद ही वहां से निकले. 
एनडीटीवी की जांच से यह भी पता चला है कि बिर्च क्लब के व्यावसायिक निर्णय मुख्य रूप से गुप्ता द्वारा लिए जाते थे, न कि अन्य पार्टनर्स द्वारा. पुलिस ने यह भी पता लगाया कि गुप्ता बाद में आईबीएस अस्पताल में पाए गए, जो उनके एक करीबी सहयोगी का है. प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, अस्पताल के डॉक्टरों ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि गुप्ता को डिस्चार्ज होने में कम से कम एक सप्ताह लगेगा. हालांकि, लगातार पूछताछ के बाद डॉक्टरों ने पुलिस को पूरी जानकारी दी, जिससे आरोपियों को बचाने के प्रयासों के बारे में गंभीर सवाल उठते हैं.

ये भी पढ़ें :- ये भी पढ़ें :- लूथरा ब्रदर्स को भारत लाने पर कितनी बनी बात? 

नाइटक्‍लब में आग तो लगनी ही थी, क्‍योंकि...

गोवा पुलिस का कहना है कि नाइटक्‍लब में लगी आग कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्थित लापरवाही और सुरक्षा चेतावनियों की बार-बार अनदेखी का नतीजा थी. घटना से पहले बिर्च क्लब को गोवा पुलिस से कम से कम तीन आधिकारिक नोटिस मिले थे. पहला अंजुना पुलिस स्टेशन से, फिर क्राइम ब्रांच से और तीसरा उसी पुलिस स्टेशन में लाउड म्‍यूजिक की शिकायत दर्ज होने के बाद. इन चेतावनियों के बावजूद, क्लब ने सुरक्षा खामियों को दूर किए बिना काम चलता रहा. सूत्रों से पता चलता है कि क्राइम ब्रांच के नोटिस से भी प्रबंधन पर कोई असर नहीं पड़ा. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि पुलिस सूत्रों का आरोप है कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने फोन कॉल के जरिए हस्तक्षेप किया, जिसके कारण बिर्च क्लब के खिलाफ मामला चुपचाप बंद कर दिया गया. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि इस हस्तक्षेप ने मालिकों और प्रबंधकों को नियमों का उल्लंघन जारी रखने के लिए और अधिक प्रोत्साहित किया. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आग लगना तय था, क्योंकि अनदेखी की गई चेतावनियां, नियमों का पालन न करना और बेलगाम अहंकार देखने को मिल रहा था, जिसकी वजह से आखिरकार 25 निर्दोष लोगों की जान चली गई.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bharat Ki Baat Batata Hoon | SIR | Mamata Banerjee | Bihar के बाद बंगाल में 'खेला' होवे? | CM Yogi