21 फरवरी को 4 राज्‍यों में धरना देंगे किसान, 26-27 को दिल्‍ली तक ट्रैक्‍टर मार्च : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के हित के लिए टिकैत परिवार के सदस्य किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं. सिसौली में हुई पंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से भाकियू के 30 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया.

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टिकैत ने कहा कि किसानों के हित के लिए टिकैत परिवार किसी भी बलिदान के लिए तैयार है. (फाइल)
मुजफ्फरनगर (उप्र) :

भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने शनिवार को कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में धरना देंगे. टिकैत ने यह भी बताया कि शनिवार को यहां सिसौली में हुई पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा से सरकार द्वारा किसानों की मांगें नहीं माने जाने पर 26 और 27 फरवरी को दिल्ली तक ट्रैक्टर मार्च निकालने को कहा गया है.

पंचायत ने हरियाणा और पंजाब में हुई घटनाओं की भी निंदा की है. यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के बीच आयोजित की गई थी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय', भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

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केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए किसान पंजाब और हरियाणा के दो सीमा बिंदुओं पर मौजूद हैं जहां उनकी हरियाणा के पुलिस कर्मियों के साथ झड़प हुई है और पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं.

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'टिकैत परिवार के सदस्‍य बलिदान के लिए तैयार' 

यहां पंचायत में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि किसानों के हित के लिए टिकैत परिवार के सदस्य किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं.

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उन्होंने यह भी कहा कि सिसौली में हुई पंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से भाकियू के 30 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया.

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टिकैत ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा था, “हम फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने, किसानों की कर्ज माफी आदि मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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