केंद्र सरकार के साथ 5 घंटे तक चली बैठक रही बेनतीजा, किसानों ने 'दिल्ली चलो' का किया आह्वान

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है. हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं. हम सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.”

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नई दिल्‍ली :

केंद्रीय मंत्रियों (Union Ministers) और किसानों (Farmers) के बीच चंडीगढ़ में 5 घंटे से अधिक वक्‍त तक चली बैठक बेनतीजा खत्‍म हो गई है. किसानों ने बैठक के बाद कहा कि बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है और हम सुबह 10 बजे दिल्ली की तरफ मार्च शुरू करेंगे. साथ ही किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार के मन में खोट है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने सहित विभिन्‍न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की तरफ से ‘दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया गया है. उधर, केंद्र सरकार की तरफ से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. किसान धीरे-धीरे राजधानी दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. प्रशासन की तरफ से पूरे दिल्ली की किलेबंदी की गई है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया है और बॉर्डर को सील कर दिया गया है.

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किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है. हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं. हम सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.”

बातचीत के जरिए समाधान निकाल लेंगे : मुंडा 

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई. सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले. अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा. हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है. हम आशान्वित है कि आगे बातचीत के जरिए हम समाधान निकाल लेंगे. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हम किसानों के हितों की रक्षा चाहते हैं. 

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सरकार की मंशा साफ नहीं : पंढेर 

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ बैठक की. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर समेत अन्य लोग शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई बैठक में शामिल थे. 

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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "काफी देर तक बैठक चली, हर मांग पर चर्चा हुई लेकिन ये मांगें नहीं थीं, यह अलग-अलग समय पर सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं थीं..."

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बैठक के बाद पंढेर ने कहा, “हमने उनके साथ लंबी चर्चा की. हर मुद्दे पर बात हुई. हमारी कोशिश किसी भी टकराव से बचने की थी. हम चाहते थे कि उनके साथ बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल किया जाए. अगर सरकार ने हमें कोई पेशकश की होती तो हम अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकते थे.” उन्होंने दावा किया कि सरकार की मंशा साफ नहीं है.

पंढेर ने कहा, “वे हमें कुछ भी नहीं देना चाहते. हमने उनसे निर्णय लेने के लिए कहा. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की किसानों की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया. हम सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.”
 

इन मुद्दों पर नहीं बन पा रही है सहमति 

सूत्रों के मुताबिक, सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत में बिजली अधिनियम 2020 रद्द करने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को मुआवजा, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर सहमति बनी है. 

हालांकि MSP गारंटी कानून, किसान कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है.

धारा 144 लागू, 12 मार्च तक बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में 12 मार्च तक सभी बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही दिल्ली पुलिस ने राजधानी में धारा 144 लगा दी है. दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के मद्देनजर यातायात परामर्श जारी किया है, जिसमें यात्रियों को राष्ट्रीय राजधानी की तीन सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों के बारे में सचेत किया गया है. दिल्ली से जुड़े नोएडा और गुरुग्राम के लिए भी एडवाइजरी जारी की गयी है.

नोएडा पुलिस की ओर से कहा गया है कि गौतमबुद्धनगर से दिल्ली सीमा से लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस एवं गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा सघन चैकिंग की जायेगी, जिसके कारण गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर लगने वाले मार्गां पर यातायात दबाव बढने की स्थिति में आवश्यकतानुसार यातायात डायवर्जन किया जायेगा. हरियाणा पुलिस ने भी एडवाइजरी जारी की है.

कील और कंटीले तारों से 'दिल्‍ली मार्च' रोकने की तैयारी 

हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो' मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा पर कंक्रीट के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है. हरियाणा सरकार ने भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिए हैं. इन जिलों में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन करने या ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मार्च निकालने पर प्रतिबंध है. 

हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित 

पुलिस ने जींद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा जिलों में पंजाब के साथ लगती हरियाणा की सीमा पर भी व्यापक इंतजाम किए हैं. अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं और बड़ी संख्या में एसएमएस करने की सुविधा 13 फरवरी तक निलंबित कर दी गई है. 

हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करें : डल्‍लेवाल 

डल्लेवाल ने सोमवार को कहा कि ‘दिल्ली चलो' मार्च का समर्थन करने के लिए कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आ रहे कई किसानों को हिरासत में ले लिया गया है जिन्हें रिहा किया जाना चाहिए. डल्लेवाल ने दावा किया कि एसकेएम के प्रति समर्थन जताते हुए मध्य प्रदेश तथा कर्नाटक से आ रहे कई किसानों को भोपाल में हिरासत में ले लिया गया है. 

एसकेएम नेता डल्लेवाल ने कहा, ‘‘एक तरफ, वे (केंद्र) हमारे साथ बातचीत कर रहे हैं और दूसरी तरफ, वे हमारे लोगों को हिरासत में ले रहे हैं. फिर यह वार्ता कैसे होगी?''

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार से कहा है कि वह हमारे लोगों को रिहा करे. सरकार को वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है.''

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