'प्रवेश वर्जित है', धोती पहन कर मॉल में एंट्री करने से रोका गया, फिर जो हुआ वो हैरान कर देगा

शख्स का नाम फकीरप्पा है. वो अपने बेटे नागराज ने मॉल के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा पर्यवेक्षक के साथ बातचीत को रिकॉर्ड किया. पर्यवेक्षक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मॉल के नियमों के अनुसार धोती पहने लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है और अगर किसान पैंट पहने तो वह उसे प्रवेश की अनुमति देगा.

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बेंगलूरु:

धोती और कुर्ता हमारी संस्कृति की एक पहचान है. इसे हमें शान से पहनते भी हैं, मगर कुछ मौकों पर लोग इसका उपहास करते हैं. अभी हाल ही में इसी तरह का एक मामला बेंगलुरु में देखा गया,, जहां एक 70 वर्षीय किसान को मॉल में इसलिए जाने से रोका गया क्योंकि उसने धोती और कुर्ता पहन रखा है. दरअसल, शख्स अपने बेटे के साथ एक मॉल में मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने गया था, उसे कथित तौर पर उसकी पोशाक यानि धोती और सफेद शर्ट के कारण प्रवेश से रोक दिया गया. यह घटना मंगलवार शाम 6 बजे के आसपास मागड़ी मेन रोड पर जीटी मॉल में हुई.

पूरा मामला समझिए

शख्स का नाम फकीरप्पा है. वो अपने बेटे नागराज ने मॉल के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा पर्यवेक्षक के साथ बातचीत को रिकॉर्ड किया. पर्यवेक्षक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मॉल के नियमों के अनुसार धोती पहने लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है और अगर किसान पैंट पहने तो वह उसे प्रवेश की अनुमति देगा.


बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नागराज ने कहा कि एक बेटे के रूप में वह चाहता था कि उसके पिता मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखें. फकीरप्पा ने कहा, गांव के लोग हमारी पंचे (धोती) को कैसे छोड़ सकते हैं और पैंट पहनकर फिल्म देखने आ सकते हैं?

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मॉल प्रबंधन ने माफी मांगी

इसके बाद कन्नड़ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह मॉल के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोग धोती पहनकर मॉल में घुसे और विरोध जताया. किसान को मॉल में भी लाया गया, जहां मॉल के प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक रूप से उससे माफी मांगी और उसका सम्मान किया. इससे पहले दिन में फकीरप्पा को अंदर नहीं जाने देने वाले सुरक्षा पर्यवेक्षक ने भी अपने कृत्य के लिए माफी मांगी.
 

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