कृषि कानून वापसी: चरणजीत सिंह चन्नी बोले, सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या आए...

तीनों कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वास तोड़ा है.

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केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापसी के ऐलान के बाद विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है

नई दिल्ली:

तीनों कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वास तोड़ा है, सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या आए. शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह अहम घोषणा करते हुए किसानों से अपील की थी कि अब वे अपने घरों व खेतों को लौट जाएं. पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा. 

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चन्नी ने कहा, "सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या आए. हमारा विश्वास टूट गया है. अब जब तक संसद से कानून वापस नहीं होंगे तब तक इंतजार रहेगा. वहीं हमारी सरकार से मांग है कि कानून के जरिए MSP मिलना चाहिए."

पंजाब के उप मुख्यमंत्री एसएस रंधावा ने कहा, "बीजेपी ने कहा था यह कृषि कानून किसानों के हित में हैं, अगर ऐसा ही था तो फिर अब इन्हें वापस क्यों लिया जा रहा है? सरकार को अपने इस निर्णय के पीछे का कारण भी समझाना चाहिए. किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से केंद्र सरकार को माफी मांगनी चाहिए."

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उधर, अकाली दल का रवैया भाजपा की तरफ थोड़ा नरम होता दिखा. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "हम तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. हमें खुशी है कि इस घोषणा के लिए गुरुनानक देव जी के प्रकाश पुरब वाले दिन को चुना गया. मुझे उम्मीद है कि यह निर्णय देश को एकजुट करेगा, जिसने आंदोलन के कारण बहुत गुस्सा देखा है. काश प्रधानमंत्री ने यह निर्णय तब ही ले लिया होता, जब अकाली दल ने इन कृषि कानूनों के लागू होते वक्त इस मुद्दे को उठाया था. बहुत कुछ अलग होता, अब मैं पीएमओ से गुजारिश करता हूं कि किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे भी वापस लिए जाएं."

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