अस्पताल में चल रहा था फर्जी आयुष्मान कार्ड के जरिये सरकारी खजाने को चूना लगाने का धंधा, 4 गिरफ्तार

पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने जनकारी देते हुए बताया कि आरोपी मरीज से प्राइवेट इलाज के रुपये लेकर फिर आयुष्मान कार्ड की फाइल आरोपी अशोक की आईडी से बनाकर सरकार से पैसे हड़पते थे.

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तीन आरोपियो को 18 फरवरी को अदालत में पेश किया जाएगा
फरीदाबाद:

फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाकर सरकार को चूना लगाने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें फरीदाबाद के सरकारी बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर का प्रमुख, ई-मित्र, सुपरवाइजर और नर्सिंग कर्मी शामिल है. आरोप है कि गिरफ्तार आरोपियों ने मरीज से इलाज के लिए 95 हजार कैश लेने के बाद भी सरकारी योजना से फर्जी तरीके से पैसे हड़प रहे थे. 
अस्पताल के सीओओ ने पुलिस को 60 मरीजों की सूची सौंपी है. 2 दिन के पुलिस रिमांड में आरोपियों ने किये अहम खुलासे किए. 

डीसीपी मुख्यालय, फरीदाबाद नीतिश अग्रवाल के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने सरकारी बादशाह खान अस्पताल में मरीज का फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर सरकारी राजस्व के गबन मामले में अस्पताल के हार्ट सेंटर के प्रमुख सहित संलिप्त 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. 

हार्ट सेंटर के उत्तर भारत के सीओओ प्रवीण कुमार ने 27 अगस्त 2020 एसजीएम नगर थाने में हार्ट सेंटर के इंचार्ज मानसिंह, सुपरवाइजर कपिल, आयुष्मान मित्र अशोक कुमार और लैब में कार्यरत नर्सिंग कर्मी नरेश के खिलाफ साठ-गांठ कर मरीज नरेश कुमार शर्मा से फर्जी तरीके से 95000 रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें पुलिस द्वारा जांच की जा रही है. 

पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने जनकारी देते हुए बताया कि आरोपी मरीज से प्राइवेट इलाज के रुपये लेकर फिर आयुष्मान कार्ड की फाइल आरोपी अशोक की आईडी से बनाकर सरकार से पैसे हड़पते थे. चारों आरोपियों को फरीदाबाद के सेक्टर-12 से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी अशोक को 15 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. अन्य तीन आरोपियों को 16 फरवरी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर 2-2 दिन के रिमांड पर लिया. आरोपी अशोक का रिमांड पूरा होने पर आज नीमका जेल भेज दिया गया है. अन्य आरोपियों से पूछताछ जारी है. 

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने हृदय रोगियों के फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए और सरकारी राजस्व से पैसे हड़प लिए हैं. हार्ट सेंटर के सीओओ ने पुलिस को 60 मरीजों की सूची दी है. मरीज नरेश ने पुलिस को बताया की आयुष्मान कार्ड के तहत उसका इलाज कभी नहीं हुआ है. आरोपियों ने इलाज की फाइल पर कैश काटकर आयुष्मान भारत लिख दिया और आयुष्मान कार्ड पर मरीज नरेश का फर्जी पता लिखकर फाइल तैयार कर ली. 

पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि हार्ट सेंटर में इलाज करवाने आए मरीज से आरोपियों ने कैश जमा करवा लिया और उसका फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर बिल भुगतान की मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया. मरीज से 95 हजार रुपए भी हड़प लिए और हार्ट सेंटर को भी भुगतान नहीं किया. आयुष्मान योजना का दुरूपयोग कर कितने फर्जी बिल पास करवाए गए हैं, इसकी छानबीन की जा रही है. आरोपी अशोक को आज अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है. अन्य तीन आरोपियो को 18 फरवरी को अदालत में पेश किया जाएगा.

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