दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो दिल्ली की मंडोली जेल में बैठकर जबरन वसूली कर रहे थे. ये लोग कारोबारियों और प्रोपर्टी डीलरों से पैसे मांगते थे और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते थे. क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी धीरज कुमार के मुताबिक- 23 नवंबर को ईस्ट ऑफ कैलाश के रहने वाले जसमीत सिंह और उनके पार्टनर हरपाल ने शिकायत देकर बताया कि वो रियल एस्टेट के काम में है और उनका ऑफिस लाजपत नगर 2 में है. उनके मोबाइल पर पहले एक फोन आया और फिर एक मैसेज जिसमें लिखा था 'भाई मैं नहीं अब आप खुद फोन करोगे'.
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इसके बाद 25 नवंबर को एक शख्स पिस्टल लेकर उनके ऑफिस आया और कहा कि जेल में भाई से बात करो. इसके बाद हरपाल और जसमीत ने उस लड़के को पकड़ने की कोशिश की और हाथापाई में लड़के की पिस्टल वहीं गिर गई और वो भाग गया. इसके कुछ दिन बाद फिर एक शख्स का फोन आया जिसने खुद को गैंगस्टर प्रवीण सभरवाल बताते हुए कहा कि चुपचाप 20 लाख रुपये दे दो.
पुलिस ने केस दर्ज कर 26 नवंबर को एक आरोपी अभिषेक मसीह को लक्ष्मी नगर से गिरफ्तार कर लिया. अभिषेक ही जसमीत के दफ्तर में घुसा था. अभिषेक ने बताया कि वो अपने एक साथी रोहित सिंह के साथ जसमीत के दफ्तर गया था. रोहित सिंह पिस्टल लेकर बाहर खड़ा था. इसके बाद पुलिस ने रोहित को भी शेख सराय से गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्हें मंडोली जेल में बन्द आकाश ने मंडोली जेल में ही बंद प्रवीण सभरवाल के कहने पर फोन किया था और जबरन वसूली के लिए कहा था.
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प्रवीण सभरवाल नीरज बवानिया गैंग का मेंबर है और सितंबर 2020 में उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. तब से वो जेल में रहकर जबरन वसूली का गैंग चला रहा है. पुलिस ने आरोपियों के पास से जेल से मोबाइल भी बरामद किए है.
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