जम्मू-कश्मीर में BJP क्या महबूबा और निर्दलीयों संग मिलकर बना सकती है सरकार, जानिए EXIT POLL का सार

Poll of Exit Polls 2024: मतदान पश्चात किए गए सर्वेक्षणों में जम्मू कश्मीर में 10 साल पहले हुए पिछले चुनाव की तरह इस बार भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है.

Advertisement
Read Time: 7 mins
P
नई दिल्ली:

Poll of Exit Polls 2024: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Elections) को लेकर विभिन्न एक्जिट पोल के पूर्वानुमान सामने आ गए हैं. यहां 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इस बीच इस संवेदनशील राज्य की राजनीति की नदी में काफी पानी बह चुका है. मतदान पश्चात किए गए सर्वेक्षणों में जम्मू कश्मीर में पिछले चुनाव की तरह इस बार भी किसी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है. इससे सवाल उठ रहा है कि यदि एक्जिट पोल के अनुमान सटीक साबित होते हैं तो इस केंद्र शासित प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी? क्या सन 2014 की तरह एक बार फिर बीजेपी और पीडीपी मिलकर निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाएंगी? 

हालांकि इसकी बीजेपी और पीडीपी का एक बार फिर साथ आना संभव नहीं दिखता क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी और यह सरकार लड़खड़ाते हुए चार साल चल सकी थी. इसके बावजूद राजनीति में कोई भी हमेशा किसी का दोस्त या दुश्मन नहीं होता इसलिए यह गठबंधन होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता. 

बहुमत के लिए चलेगा कौन सा गणित? 

सारे एक्जिट पोल के निचोड़ NDTV के पोल ऑफ एक्जिट पोल्स के मुताबिक जम्मू कश्मीर में बीजेपी को 27 कांग्रेस-एनसी को 42, पीडीपी को 7 और अन्य को 14 विधानसभा सीटें मिल सकती हैं. बहुमत का आंकड़ा 46 है, इसलिए यदि नतीजे ऐसे ही आते हैं तो कोई भी पार्टी अपने बलबूते सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी. तब गठबंधन ही अगली सरकार के लिए रास्ता बना सकेगा. राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन है लेकिन वे दोनों मिलकर भी बहुमत के आंकड़े से कुछ दूरी पर हैं. 

Advertisement

कहा जा रहा है कि इस बार राज्य में बड़ी तादाद में चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों में से अधिकांश को बीजेपी का समर्थन हासिल है. ऐसी स्थिति में बीजेपी को यदि सारे छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन मिल जाए तो वह बहुमत के करीब तो पहुंच जाएगी लेकिन सरकार नहीं बना सकेगी. इन हालात में पीडीपी के साथ मिलकर वह आसानी से सरकार बना सकती है. 

Advertisement

दूसरी ओर यदि कांग्रेस-एनसी के साथ पीडीपी भी गठबंधन में शामिल हो जाती है तो सरकार आसानी से बन जाएगी. हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के साथ आने की संभावना लगभग असंभव है.  

Advertisement

Add image caption here

     

कुल 90 सीटें और बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटें

जम्मू कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है. इस चुनाव में दैनिक भास्कर के एक्जिट पोल में बीजेपी को 20 से 25 सीटें मिलने, कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 35 से 40 सीटें मिलने पीडीपी को 4 से 7 और अन्य को 12 से 16 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पीपुल्स पल्स के सर्वे के अनुसार जम्मू कश्मीर में बीजेपी 23 से 27, कांग्रेस-एनसी 46 से 50, पीडीपी 7 से 11 और अन्य को 4 से 6 सीटें मिलने जा रही हैं. 

Advertisement

इंडिया टुडे-सी वोटर ने बीजेपी को 27 से 32, कांग्रेस-एनसी को 40 से 48, पीडीपी को 6 से 12 और अन्य को 6 से 11 सीटें हासिल होने की संभावना जताई है. एक्सिस माई इंडिया के एक्जिट पोल ने बीजेपी को 24 से 34, कांग्रेस-एनसी को 35 से 40, पीडीपी को 4 से 6 और अन्य को 8 से 23 सीटें मिलने का अनुमान जताया है.

साल 2014 के चुनाव में भी बने थे यही हालात

पिछला चुनाव 2014 में हुआ था. इसके परिणाम 23 दिसंबर 2014 को घोषित किए गए थे. तब जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें थीं, अब 90 सीटें हैं. विधानसभा चुनान में महबूबा मुफ्ती की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को सबसे अधिक 28 सीटें मिली थीं. कुल 25 सीटें जीतकर बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी. फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली थी. राज्य में तीन सीटों पर निर्दलीय और चार सीटों पर अन्य छोटे दलों के उम्मीदवार जीते थे. बहुमत के आंकड़े तक कोई भी पार्टी नहीं पहुंच सकी थी.  

पुराने प्रतिद्वंदी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ आ नहीं सकते थे. इस स्थिति में यह राज्य कुछ समय दल राजनीतिक अनिश्चितता के हालात में फंसा रहा. परिणाम आने के करीब ढाई महीने बाद आखिरकार पीडीपी को 25 सदस्यों वाली बीजेपी का समर्थन मिल गया. इसके बाद पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. इन दोनों असमान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया.

लड़खड़ाती रही थी पीडीपी-बीजेपी की पिछली सरकार 

हालांकि इसके करीब साल भर बाद ही राज्य में एक बार फिर राजनीतिक अनिश्चितता का दौर आ गया जब सात जनवरी 2016 को मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया. इसके बाद राज्यपाल शासन लग गया. लगभग तीन महीने बाद बीजेपी और पीडीपी के बीच फिर से समझौता हुआ और महबूबा मुफ्ती को राज्य के मुख्यमंत्री की बागडोर सौंप दी गई. उन्होंने चार अप्रैल 2016 को राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हालांकि पीडीपी-बीजेपी का गठबंधन लंबा सफर तय नहीं कर सका और दो साल से से कुछ अधिक समय बाद जून 2018 में बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती की सरकार से समर्थन वापस ले लिया. इसके साथ महबूबा की सरकार गिर गई. 

10 साल में जम्मू कश्मीर में बहुत कुछ बदल गया

जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम पर पूरे देश की नजरें हैं. इस केंद्र शासित प्रदेश में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस बीच 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 समाप्त करने के साथ जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया और इसका राज्य का दर्जा समाप्त करके दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया. जम्मू कश्मीर में मुख्य रूप से पारंपरिक प्रतिद्वंदी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रटिक पार्टी के अलावा बीजेपी और कांग्रेस भी चुनाव मैदान में हैं. कई छोटे दलों के अलावा बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी भाग्य आजमा रहे हैं. हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के अलावा कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी  मुख्य रूप से चुनावी मुकाबले में हैं. आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए हैं. 

हरियाणा के लिए एक्जिट पोल के अनुमान

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 46 है. पीपुल्स पल्स के हरियाणा के एक्जिट पोल में बीजेपी को 20 से 32, कांग्रेस को 49 से 61 और अन्य को 3 से 5 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. ध्रुव रिसर्च के एक्जिट पोल में बीजेपी के 22 से 32 और कांग्रेस के 50 से 64 विधानसभा सीटें जीतने और अन्य को 2 से 8 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. ध्रुव रिसर्च के सर्वे के मुताबिक इंडियन नेशनल लोकदल और जेजेपी को एक भी सीट नहीं मिलने वाली है.

दैनिक भास्कर ने हरियाणा में बीजेपी को 15 से 29 सीटें मिलने और कांग्रेस को 44 से 54 सीटें मिलने का अनुमान जताया है. आम आदमी पार्टी को 1, आएनएलडी को 1 से 5 और अन्य को 4 से 9 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. रिपब्लिक भारत मेटरि्ज ने हरियाणा में बीजेपी को 18 से 24, कांग्रेस को 55 से 62, जेजेपी को 3, आइएनएलडी को 3 से 6 और अन्य को 2 से 5 सीटें जीतने की संभावना जताई है. 

एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 27, कांग्रेस को 54, जेजेपी को 1, आईएनएलडी को 2 और अन्य को 6 सीटें मिलने की संभावना है.

यह भी पढ़ें-

NDTV पोल ऑफ पोल्स : हरियाणा में BJP का सत्ता से 'एग्जिट', कांग्रेस की वापसी; J&K में NC-कांग्रेस बहुमत के करीब

Exit Poll Result: हरियाणा में कांग्रेस की आंधी से उड़ी BJP, जम्मू-कश्मीर में कुर्सी के करीब कांग्रेस-अब्दुल्ला की जोड़ी

Featured Video Of The Day
Assembly Elections 2024 Exit Poll: NDTV Poll Of Polls से समझिए हरियाणा के एग्जिट पोल का सार