शुक्रवार को दिल्ली मेयर का चुनाव होना था, लेकिन लगातार हंगामे की वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और इसे टालना पड़ा. दिल्ली वासियों के लिए मेयर का इंतजार अब और बढ़ गया है. अब सभी को अगली तारीख का इंतजार है. आज हुए हंगामे को लेकर नगर निगम में पीठासीन अधिकारी और बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा ने NDTV से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि अभी चार लोगों की ही शपथ हुई थी और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया.
सत्या शर्मा ने NDTV से कहा कि माना कि यह परंपरा है कि निर्वाचित लोग पहले शपथ लेते हैं, राज्यसभा में भी ऐसा होता है कि लोग चुनकर आते हैं, मनोनीत होते हैं और शपथ लेते हैं. उन्होंने कहा कि एल्डरमैन को वोटिंग राइट देने की बात नहीं आई थी, केवल 4 लोगों की ही शपथ हुई थी और इतने में हंगामा शुरू कर दिया गया.
केजरीवाल ने संविधान का दिया हवाला
निगम सदन में मनोनीत पार्षदों के पहले हुए शपथ के बाद हंगामे के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संविधान का हवाला देते हुए सवाल उठाए हैं. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "संविधान का आर्टिकल 243R मनोनीत पार्षदों को वोट करने से रोकता है. उनकी वोटिंग की कोशिश असंवैधानिक है."
आप के पार्षद ने जताई आपत्ति
दरअसल सिविक सेंटर में मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने से पहले भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में भिड़ गए. आप के पार्षद मुकेश गोयल ने आपत्ति जताई कि सबसे पहले निर्वाचित पार्षदों की शपथ होनी चाहिए, फिर मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाई जानी चाहिए. आप के पार्षद हंगामे के दौरान डॉयस पर चढ़ गए.
दिल्ली नगर निगम की कार्यवाही शुरू होने पर पहले बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा ने शपथ ली. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों की शपथ करवाने की घोषणा की. निर्वाचित से पहले मनोनीत को शपथ दिलाने पर आप ने आपत्ति जताई.
इस फैसले पर बीजेपी और आप में ठन
पीठासीन पदाधिकारी के फैसले को लेकर हंगामा हुआ. 10 मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने को लेकर बीजेपी और आप में ठन गई. आप ने मनोनीत पार्षदों को बीजेपी का कार्यकर्ता बताया. आप का कहना है कि ये एमसीडी के काम को रोकने की कोशिश है. ये एल्डरमैन समितियों के काम में बाधा डालेंगे
मेयर चुनाव के लिए 274 वोटर
इस चुनाव में 250 चुने हुए पार्षद वोट करते हैं. साथ ही दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और मनोनीत लोगों में 14 विधायक जो दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की सहमति पर बनाए गए हैं, वो भी मतदान में हिस्सा लेते हैं. कुल मिलाकर इस चुनाव में 274 लोग ही वोटर हैं.
AAP ने 134 वार्डों में दर्ज की थी जीत
एमसीडी के 250 वार्डों में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 15 साल से दिल्ली नगर निगम में बनी बीजेपी को हराकर 134 वार्डों में जीत दर्ज की थी. साथ ही बीजेपी को इस चुनाव में 104 वार्ड में जीत मिली थी.
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