EXCLUSIVE: "हिंडनबर्ग केस में SC कमेटी ही सही विकल्प, JPC की मांग व्यर्थ" : NDTV से शरद पवार

शरद पवार ने कहा, ''हिंडनबर्ग मामले में एक फर्म की ओर से दी गई रिपोर्ट को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया गया, ऐसा लगता है कि इस मामले में एक इंडस्ट्रियल ग्रुप को टारगेट किया गया.''

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नई दिल्ली:

देश के दिग्गज नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार पिछले छह दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं. लोकतंत्र से जुड़े तमाम अहम सवालों पर उनकी साफ राय होती है. उनसे NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने कई मुद्दों पर बात की. शरद पवार पक्ष और विपक्ष दोनों की सीमाएं बताते हैं. वे एक तरफ एक शख्स के बयान पर हद से ज्यादा हंगामे की आलोचना करते हैं और दूसरी तरफ हिंडनबर्ग को लेकर जेपीसी की मांग को भी गैरजरूरी मानते हैं. उनका मानना है कि जेपीसी, यानी संयुक्त संसदीय समिति में सत्ताधारी दल का बहुमत होता है, इसलिए सच्चाई सामने नहीं आ सकती. जबकि सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी से सच के सामने आने की संभावना ज्यादा है.     

हिंडनबर्ग मामले को लेकर शरद पवार ने कहा कि, ''विपक्ष ने एक फर्म की ओर से दी गई रिपोर्ट को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया. इस फर्म का बैकग्राउंड किसी को नहीं पता, हमने इनका नाम भी नहीं सुना है. ऐसा लगता है कि इस मामले में एक इंडस्ट्रियल ग्रुप को टारगेट किया गया.''

विपक्ष की जेपीसी की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि, ''JPC अप्वाइंट करने से मामला नहीं सुलझेगा, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से सच्चाई देश के सामने आएगी. इस मामले में JPC की आवश्यकता नहीं है, इसका महत्व नहीं है.''

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एनसीपी प्रमुख ने कह कि, ''जब हम राजनीति में आए, तब सरकार पर हमले के लिए टाटा बिरला पर हमला करते थे. बाद में पता चला कि टाटा का इस देश में कितना योगदान है. आजकल टाटा बिरला की जगह अदाणी, अंबानी पर हमला हो रहा है. बिजली क्षेत्र में अदाणी का महत्वपूर्ण योगदान है.''

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