दिल्ली में सरकारी स्कूलों (Delhi Government School) में क्लासरूम निर्माण के मामले में बीजेपी केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की रिपोर्ट के आधार पर बार-बार दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) पर हमलावर है. इस मसले पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से NDTV ने बातचीत की. मनीष सिसोदिया ने बीजेपी (BJP) के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि, ''बीजेपी तबेले बनाती है, हम शानदार स्कूल बनाते हैं. मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए पैसा खर्च किया है, मैं अपने हवा महल में नहीं लगा रहा, स्विस बैंक में जमा नहीं कर रहा. मैं बच्चों के लिए बनवा रहा हूं.''
सवाल : बीजेपी का आरोप है कि फरवरी 2020 में सीवीसी ने यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के सेक्रेटरी विजिलेंस को भेज दी थी. उप राज्यपाल भी यही आरोप लगा रहे हैं. तो दिल्ली सरकार ढाई साल तक इस रिपोर्ट पर बैठी क्यों रही?
जवाब : स्कूल बनवाए हैं. सरकार स्कूल बनवा रही है. इसी में मीन-मेख निकाल रहे हैं. स्कूल ज्यादा क्यों बनवा दिए, कमरे क्यों ज्यादा बनवा दिए, आपने टॉयलेट ज्यादा क्यों बनवा दिए, इतने अच्छे क्यों बनवा दिए, इस तरह का रिसेप्शन प्राइवेट स्कूलों में भी रेयर मिलता है... कह रहे हैं प्राइवेट स्कूल की तरह बनवाने की क्या जरूरत थी. पीले कचरे वाला जो स्कूल में बनता है, वैसा बनवाते. इतना बढ़िया क्यों बनवाया ये कह रहे हैं. इसका क्या जवाब दें. हमारा काम है अच्छे से अच्छे स्कूल बनें. हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिले. इस पर इनको प्राब्लम हो रही है. पहले एक फ्लोर पर टॉयलेट बनता था. हमने कहा चारों फ्लोर पर टॉयलेट बनाओ. ये कह रहे हैं टॉयलेट ज्यादा क्यों बनवा दिए. जवाब क्या दें. चारों फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे हैं तो टॉयलेट बनवाने पड़ेंगे.
सवाल : बीजेपी का स्पष्ट आरोप है कि 5 लाख रुपये में बनने वाले स्कूल के कमरे को बनाने में आप लोगों ने 33 लाख रुपये खर्च किए?
जवाब : ये बकवास है. शानदार स्टेज बनवाया. प्लास्टर वाला कमरा हमें अपने बच्चों के लिए नहीं चाहिए. वो एक लाख में बने..5 लाख में बने..50 लाख में बने, वैसा कमरा बच्चों के लिए चाहिए. शानदार टेबल, बढ़िया यूनिफॉर्म है. इतनी अच्छी फैसिलिटी है. इतना बढ़िया कमरा बनवाया है. ये बच्चे सामान्य परिवार से आते हैं. इन बच्चों को हक है कि ये भी अच्छे स्कूलों में पढ़ें. अब कह रहे हैं कमरे को बनाने में गड़बड़ी कर दी.
सवाल : आरोप है कि 326 करोड़ रुपये का कॉस्ट एस्केलेशन हुआ जो ओरिजिनल टेंडर अमाउंट से 53 प्रतिशत ज्यादा था?
जवाब : हां, लगेगा. अच्छा बनवा वाले हैं. प्लास्टर लगा रहे होते तो पीला रोते हुए प्लास्टर तो कीमत कम होती. मैंने खुलकर काम किया और मुझे गर्व है कि मैंने इस पर काम किया. मुझे कोई अपराधबोध नहीं है कि मैंने इतने बढ़िया स्कूल बनवाए हैं.
सवाल : 194 स्कूलों के अंदर 1214 टॉयलेट बनाए गए जबकि 160 की जरूरत थी. इसमें 37 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा खर्चा हुआ. क्या वाकई इतने टॉयलेट की जरूरत थी?
जवाब : टॉयलेट बढ़ाने पड़ेंगे. आपकी बेटी, टीचर आते हैं. सात-आठ घंटों के लिए स्कूल में आते हैं. आप कह रहे हो उनके लिए टॉयलेट नहीं होने चाहिए. और बनवाने पड़ेंगे, और बनाएंगे. गंदगी और हाइजीन के मुद्दे भी हैं.
सवाल : जो एडिशनल काम हुए या स्पेसिफिकेशंस बदले गए उसके लिए कोई नया टेंडर नहीं हुआ बल्कि मौजूदा ठेकेदारों को ही यह काम दे दिया गया?
जवाब : बीजेपी का प्रोपगंडा है. हर चीज रूल के हिसाब से हुई हैं. रूल की प्रॉब्लम नहीं. इनकी समस्या कि सामान्य परिवारों से आने वालों के लिए इतने शानदार स्कूल कैसे बनवा दिए गए. झूठ बोल रहे हैं. सारी चीजों के टेंडर किए हैं. सारी चीज़ें विदिन कॉस्ट हुई हैं. अच्छे काम में थोड़ा पैसा तो खर्च होगा.
सवाल : CVC भ्रष्टाचार का आरोप अपनी रिपोर्ट में नहीं लगा रहा है लेकिन भारी अनियमितता की बात सीवीसी की रिपोर्ट में की गई है.
जवाब : क्या अनियमितता है, ये माइंडसेट है. बीजेपी तबेले बनाती है, हम शानदार स्कूल बनाते हैं. मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए पैसा खर्च किया है, मैं अपने हवा महल में नहीं लगा रहा, स्विस बैंक में जमा नहीं कर रहा. मैं बच्चों के लिए बनवा रहा हूं. सरकारी स्कूल की पुरानी धारणा को तोड़ना जरूरी था और हमने तोड़ी है. बीजेपी सरकारी स्कूल बंद करने की हमेशा वकालत करती है. हमने कहा सरकारी स्कूल अच्छे चल सकते हैं, अच्छे बनाए और चलाए जा सकते हैं.
सवाल : CVC की रिपोर्ट में तो नहीं है लेकिन BJP पूछ रही है कि केजरीवाल सरकार ने कितने नए स्कूल बनवाए?
जवाब : दिल्ली में 700 स्कूल हैं. 500 से ऊपर स्कूल हमने बनाए हैं.