राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने शनिवार को NDTV से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से खुद को राज्यसभा भेजे जाने को नहीं कहा था. उन्होंने कहा कि उनको भेजे जाने का चुनाव अखिलेश यादव ने खुद लिया और 'बड़ा दिल दिखाया.' इस हफ्ते अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी संयुक्त रूप से जयंत चौधरी को राज्यसभा सदस्य के तौर पर नामित करेगी. उसके पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि अखिलेश अपनी पत्नी और सांसद डिंपल यादव को नॉमिनेट करने का फैसला कर सकते हैं, लेकिन फिर गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने घोषणा की कि जयंत चौधरी ही उसके राज्यसभा के लिए तीसरे प्रत्याशी होंगे.
राज्यसभा ने खुद अब अपनी जुबानी बताया है कि नॉमिनेशन के लिए चुनाव कैसे हुआ है. आरएलडी चीफ ने NDTV से कहा कि "मैं अखिलेश यादव का बहुत शुक्रगुज़ार हूं. उन्होंने अखिलेश यादव ने मुझे राज्यसभा भेज कर बड़ा दिल दिखाया है." उन्होंने कहा कि "मैंने राज्यसभा जाने के लिए कोई ज़िद नहीं की."
लोकसभा चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि "हम लोग लोकसभा का चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे. लोग कहते रहें कि बीजेपी के साथ जाऊंगा मैं कह रहा हूं कि मैं वादे का पक्का हूं. हम लोग लोकसभा चुनाव से पहले साथ आ रहे हैं. कपिल सिब्बल ने इशारा भी किया था. लोकसभा चुनाव कौन लड़ेगा बागपत या मुज़फ़्फ़रनगर से जनता तय करेगी. हम सांप्रदायिक ताक़तों से मिलकर लड़ेंगे. हमारी जातिगत जनगणना की मांग हैं उस पर लड़ेंगे "
उन्होंने बताया कि वो 30 तारीख यानी सोमवार को लखनऊ में अपना नामांकन भरेंगे.
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इस हफ्ते अखिलेश यादव ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को निर्दलीय सांसद के तौर पर अपना समर्थन दिया और उनके साथ नॉमिनेशन के लिए गए. इसके बाद खबरें आ रही थीं कि जयंत चौधरी की जगह डिंपल यादव का नाम भेजा जाएगा. यह भी फुसफुसाहट हुई थी कि इसपर जयंत चौधरी खफा हो गए थे और अपने सहयोगी दल को नाराज़गी जताई थी. अखिलेश यादव ने उनसे फोन पर बात की थी, और उसके बाद उनके नाम की घोषणा की गई.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 मई से शुरू हुई है. इस चुनाव के लिए मतदान आगामी 10 जून को होगा. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के 111 सदस्य हैं.