मध्य प्रदेश के इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को रामनवमी पर हवन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. जिसमें 14 लोगों की जान चली गई. बावड़ी (सीढ़ीनुमा कुआं) पर धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उमड़ी भीड़ के कारण इसकी छत ढह गई थी. इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग करीब 40 फीट नीचे गिर गए. रेस्क्यू टीम ने इनमें से 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था. फिलहाल घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बेलेश्वर महादेव मंदिर जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्नेह नगर में पड़ता है. यह इंदौर की सबसे पुरानी आवासीय कॉलोनियों में से एक है. मंदिर की देखरेख निजी ट्रस्ट की ओर से की जाती है. गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे उस समय हादसा हुआ, जब श्रद्धालु रामनवमी पर एक विशेष हवन का हिस्सा बन रहे थे. हवन मंदिर के एक चबूतरे पर किया जा रहा था, जो वास्तव में बावड़ी की छत थी. यह 30-40 लोगों का वजन उठाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं था. भीड़ ज्यादा होने के कारण बावड़ी की छत अचानक छत ढह गई, जिससे श्रद्धालु 40 फीट गहरे बावड़ी में गिर गए. बताया जा रहा है कि बावड़ी में 9 फीट तक पानी भरा था.
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मंदिर की बावड़ी में इस हादसे को टाला जा सकता था? इसका जवाब हां है. अगर इंदौर नगर निगम स्थानीय लोगों की शिकायतों पर गौर करती और कार्रवाई करती, तो शायद 14 लोगों की जान जाने से बच सकती थी.
मंदिर में अतिक्रमण की आई थी शिकायत
NDTV को पास 23 अप्रैल 2022 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट को जारी किए गए नोटिस की एक कॉपी है. इसमें कमिश्नर आईडीए को मंदिर के पार्क/बगीचे पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है. स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि पार्क पर पहले पानी की टंकी बनाकर और फिर बावड़ी पर मंदिर बनाकर अतिक्रमण किया गया था. इसी जमीन पर अतिक्रमण कर इस मौजूदा मंदिर के करीब एक और मंदिर बनाया जा रहा है.
मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने अतिक्रमण से किया इनकार
हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने 25 अप्रैल 2022 को पार्क-गार्डन पर किसी भी अतिक्रमण से इनकार करते हुए जवाब दिया है. उन्होंने आईएमसी के नोटिस को हिंदू धर्म में हस्तक्षेप करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे नोटिस से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. यह भी कहा गया कि मंदिर 100 साल पुराना है.
शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के दिए आदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायलों को 50000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. घायलों के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से भी मदद
इसके अलावा पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रत्येक मृतक के परिजनों को दी जाएगी, जबकि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये उसी कोष से दिए जाएंगे.
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