Exclusive: मेरे गो-रक्षक बेटे ने किया था पीछा, पर वो मार नहीं सकता : आरोपी की मां ने बताया फरीदाबाद में उस रात क्या हुआ था

आर्यन मिश्रा अपने दोस्तों के साथ डस्टर गाड़ी में नूडल्स खाने के लिए गया था. गो-रक्षकों ने उन्हें तस्कर समझा. आरोपियों ने दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर करीब 30 किलोमीटर तक उनका पीछा किया. टोल प्लाजा से आगे फायरिंग करनी शुरू कर दी. इसमें दो गोली लगने से आर्यन की मौत हो गई.

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आर्यन मिश्रा 12वीं का छात्र था और फरीदाबाद NIT के 5 नंबर इलाके में रहता था.
नई दिल्ली/फरीदाबाद:

हरियाणा के फरीदाबाद में 23-24 अगस्त की दरमियानी रात गो-तस्करी के शक में 12वीं के छात्र को गोली मारने का मामला बढ़ता जा रहा है. मृतक आर्यन मिश्रा 12वीं का छात्र था और फरीदाबाद का रहने वाला था. आरोप है कि कथित तौर पर गो-रक्षकों ने गो-तस्करी के शक में कार सवार छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इस मामले में आरोपियों को गो-रक्षक मानने से इनकार कर रही है. पुलिस ने आरोपियों और मृतक के बीच आपसी रंजिश से भी इनकार किया है. इस बीच NDTV ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में एक आरोपी की मां ने बताया कि उस रात आखिर क्या हुआ था? 

फरीदाबाद में 12वीं के छात्र की गोली लगने से मौत के मामले में सच की पड़ताल के लिए NDTV की टीम मंगलवार को पांचों आरोपियों में एक आरोपी अनिल कौशिक के घर पहुंची. आरोपी की मां ने खुद बताया कि उनका बेटा इलाके का जाना-माना गो-रक्षक है. आरोपी की मां ने ये भी माना कि उनका बेटा अनिल कौशिक वारदात की रात रेड कलर की डस्टर कार का पीछा कर रहा था, ताकि गो-तस्करी को रोक सके.

नहीं मालूम लड़के को किसकी गोली लगी 
आरोपी अनिल कौशिक की मां ने NDTV को बताया, "मुझे बेटे ने वारदात के बारे में बताया था. बेटे ने मुझे बताया कि उसे लगा कार में गो-तस्कर हैं. अनिल ने ये भी दावा किया था कि पहली गोली डस्टर कार से चली थी. लेकिन, मेरे बेटे ने गोली नहीं चलाई. उस लड़के (आर्यन मिश्रा) को किसकी गोली लगी... मुझे नहीं पता."

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बेटा गायों की करता है सेवा
आरोपी की मां जोर देकर कहती हैं, "मेरा बेटा निर्दोष है. वह गो-रक्षा करता है. लोगों की सेवा करता है. गायों की बहुत सेवा करता है. वह किसी का खून नहीं कर सकता."

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घर के बाहर खड़ी की गायों की एंबुलेंस
अनिल कौशिक के घर के पास 2 गाड़ियां भी खड़ी थीं. इनमें से एक बोलेरो है, जिसके पीछे गो-रक्षा दल लिखा है. दूसरी गाड़ी गायों की एंबुलेंस है. इसपर लिव फॉर नेशन संगठन और अनिल कौशिक लिखा हुआ है.

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क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, आर्यन मिश्रा फरीदाबाद NIT के 5 नंबर इलाके में रहता था. 23 अगस्त की रात वह अपने दोस्तों के साथ डस्टर कार में नूडल्स खाने के लिए गया था. इसी दिन गो-रक्षकों को सूचना मिली थी कि शहर में डस्टर और फॉर्च्यूनर गाड़ी में गो- तस्कर घूम रहे हैं. गो-रक्षकों ने उन्हें तस्कर समझा. 

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आरोपियों ने कार रोकने का किया इशारा
सेक्टर 21 के पास स्विफ्ट कार सवारों ने आर्यन मिश्रा के दोस्त हर्षित की डस्टर कार को रुकने का इशारा किया. आर्यन पैसेंजर सीट पर था, जबकि हर्षित ड्राइव कर रहा था. आरोपियों ने कार को रोकने को कहा. आर्यन के दोस्त शैंकी का हाल ही में किसी से झगड़ा हुआ था. ऐसे में आरोपियों को देखकर उन लोगों को लगा कि उन्होंने शैंकी को मारने के लिए गुंडे भेजे हैं. इसलिए हर्षित ने कार नहीं रोकी.

गदपुरी टोल प्लाजा से आगे शुरू हुई फायरिंग
इसके बाद स्विफ्ट सवारों ने उनकी कार का पीछा करना शुरू कर दिया. जब हर्षित ने कार भगाई, तो गो-रक्षकों को लगा कि डस्टर में गो-तस्कर ही हैं. करीब 30 किलोमीटर पीछा करने के बाद गो-रक्षकों ने फायरिंग कर दी. गदपुरी टोल प्लाजा से आगे कुछ दूर आरोपियों ने गोली चला दी. एक गोली पैसेंजर सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा के गर्दन पर लगी. दोबारा फायरिंग हुई, तो दूसरी गोली उसके सीने पर लगी. इसके बाद आरोपी फरार हो गए.

इलाज के दौरान आर्यन की हुई मौत
दोस्तों ने किसी तरह आर्यन को अस्पताल पहुंचाया. यहां उसकी हालत बिगड़ती गई. इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने वारदात के 5 दिन बाद सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने सभी को जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया है.

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क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने बताया, "24 अगस्त की रात को एक घटना हुई थी, जिसमें आर्यन मिश्रा नाम के एक छात्र की गोली लगने से मौत हो गई थी. इस मामले की FIR एनआईटी फरीदाबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी. कमिश्नर के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की. घटना के पांच दिन बाद सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उनकी पहचान अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा, आदेश और सौरभ के तौर पर हुई है. क्राइम ब्रांच ने वारदात में इस्तेमाल हुई कार और हथियार भी बरामद कर ली है. सभी आरोपी फरीदाबाद के रहने वाले हैं."


पुलिस ने बताया, "शुरुआती जांच के मुताबिक ये सामने आया कि आरोपी और मृतक एक-दूसरे को नहीं जानते थे. अब तक की जांच में कोई आपसी रंजिश या साजिश का एंगल सामने नहीं आया है. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्हें किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने की सूचना मिली थी. वो लोग इसे रोकने के लिए गए थे. आरोपियों ने जो बताया उसकी जांच की जा रही है. नया कोई भी तथ्य सामने आने पर अपडेट किया जाएगा."

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