अरविंद केजरीवाल Exclusive : "क्या मैं कांग्रेस को कमजोर कर सकता हूं ? राहुल गांधी काफी नहीं हैं"

कांग्रेस को कमजोर करने के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा, " क्या कांग्रेस को वाकई मुझे इसे कमजोर करने की जरूरत है?" हल्‍के-फुल्‍के माहौल में उन्‍होंने कहा कि क्‍या राहुल गांधी इसके लिए काफी नहीं हैं.

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दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी पार्टी के बीजेपी के 'बी' टीम के तौर पर काम करने के आरोप को हास्‍यास्‍पद बताया है. NDTV TOWNHALL में आम आदमी पार्टी के कांग्रेस को कमजोर करने के आरोपों पर केजरीवाल ने कहा, " क्या कांग्रेस को वाकई मुझे इसे कमजोर करने की जरूरत है?" हल्‍के-फुल्‍के माहौल में उन्‍होंने कहा कि क्‍या राहुल गांधी इसके लिए काफी नहीं हैं. 

केजरीवाल ने यह कहा...
-हम पीछे क्‍यों रह गए. जनता पीछे नहीं रहना चाहते. जनता साथ आए तो देश आगे बढ़ेगा. इसलिए हमने इंडिया कैंपेन नंबर 1 शुरू किया है. 
-सबेरे जब आप अखबार पढ़ते हो. खबर मिलती है यहां एमएलए खरीद लिए, सरकार गिरा दी. सात से आठ हजार करोड़ इन्‍होंने खर्च कर दिए. यह पैसा कहां से आ गया है. यह मेरा और आपका ही पैसा है. करोड़पतियों का कर्जा माफ कर दिया. एक स्‍टूडेंट पढ़ने के लिए लोन लेता है कर्जा न चुका पाए तो कार्रवाई होती है, क्‍या देश ऐसे आगे बढ़ेगा. 
- लोग कह रहे 70 साल में इन्‍होंने परिवार के, अपने लोगों के घर भरने के लिए कोई काम नहीं किया. 
- मैं यह नहीं कह रहा सब कुछ मुझे पता है. सब लोगों से राय लेंगे. सबसे अहम है शिक्षा. जब तक शिक्षा का विकास नहीं होगा, देश आगे नहीं बढ़ेगा. 
-मेरा सपना है जैसी अच्‍छी शिक्षा मुझे देश ने दी, वैसी अच्‍छी शिक्षा में देश के युवाओं को उपलब्‍ध कराऊं.
-मुझे अच्‍छा लगा कि जैसी शिक्षा मुझे देश ने दी, वैसी शिक्षा हम अपने देश के लोगों को दे रहे हैं. गरीबों के बच्‍चे पढ़ेंगे तो देश के गरीबी दूर हो जाएगी.
-दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों को हमने ठीक कर दिया. जब तक स्‍कूल ठीक नहीं होंगे पूरे देश के, देश आगे नहीं बढ़ेगा. 
-मौजूदा गति से हमें देश के सारे 10 लाख स्‍कूलों को ठीक करने में समय लगेगा, इन्‍होंने अपने लोगों के करोड़ों रुपये माफ कर दिए.  यह पैसा देश के स्‍कूलों पर लगे तो बड़ा काम हो जाएगा. 
- अगर हमें आगे बढ़ना है तो हमें शिक्षा और बेस्‍ट हेल्‍थ फेसिलिटी के साथ साथ रोजगार पर भी ध्‍यान देना होगा. 
-हमारे पास बहुत बिजली है लेकिन बिजली 24 घंटे नहीं आती. मैंने और सत्‍येंद्र जैन ने इस पर काम किया और अब दिल्‍ली में बिजली में सुधार किया है. 
-सरकारी स्‍कूल ठीक करने के लिए नीयत चाहिए, जज्‍बा चाहिए कि करके दिखाना है.
-पंजाब में आप सरकार को बने 100 दिन ही हुए हैं. हमने शिक्षा और अन्‍य क्षेत्रों पर काम किया है, परिणाम सामने हैं. 
-अच्छे काम का प्रचार होना चाहिए. हमने अच्‍छा किया है तो इसका प्रचार भी करते हैं. 
-इस देश के नेताओं को एकत्र करने से देश नंबर वन नहीं बनेगा. 130 करोड़ लोगों को इकट्ठा करने से देश आगे बढ़ेगा.
-130 करोड़ लोग यदि एकत्र हो गए तो सारे नेताओं को काम करना पड़ेगा. सब मिलकर काम करेंगे तो देश आगे बढ़ेगा.जनता अब यह सब बर्दाश्‍त करने वाली नहीं है.  
-अमित शाह ने कहा था जो सपने दिखाते हैं, जनता उन पर भरोसा नहीं करेगा. उन्‍होंने यह बात शायद अपनी पार्टी के लिए कही थी. 
-हमें देश के , समाज के लिए सपने देखने चाहिए. यह भाषणबाजी से नहीं होगा. जब तक देश का हर बच्‍चा शिक्षित नहीं होगा, देश आगे नहीं बढ़ेगा.
-हमे सब कुछ कर सकते हैं, हम बाहर से टेक्‍नोलॉजी इम्‍पोर्ट क्‍यों करते हैं? हमारे देश के लोगों को तो इसका मौका तो दो. 

-हमारे नेताओं के यहां छापे मारे गए, इसमें कुछ भी हासिल नहीं हुआ. अरे हासिल क्‍या हुआ इसमें. 

-सीबीआई की एफआईआर में यह नहीं है कि हमने अनुचित फायदा दिया, यह बीजेपी कह रही है. 
-हम भ्रष्‍टाचार बर्दाश्‍त नहीं करते. पंजाब के एक मिनिस्‍टर की एक क्लिप आई, हमने एक्‍शन लिया, पुलिस को बुलाकर उन्‍हें अरेस्‍ट करा दिया. 

-हमने भ्रष्‍टाचार किया है तो हमें गिरफ्तार कर लें. आबकारी नीति मामले में तो मनीष सिसोदिया सीना ठोककर यह बात कर हैं. विपक्ष के दूसरे नेता रोज बैठकर गंदी राजनीति कर रहे हैं. इससे देश आगे नहीं बढ़ सकता. 

-इन्‍होंने हमारे पिछले सात सात में सभी जांच करा ली. मुझे नहीं लगता किसी और की आज की है. बस खरीदी, सड़कें बनाईं, कुछ हासिल नहीं हुआ. 

-इन्‍होंने हमारे पिछले सात सात में सभी जांच करा ली. मुझे नहीं लगता किसी और की आज की है. बस खरीदी, सड़कें बनाईं, कुछ हासिल नहीं हुआ. 
-ऐसी की एक्‍साइज पॉलिसी हमने पंजाब में लागू की. रेवेन्‍यू ज्‍यादा जनरेट हुआ. दिल्‍ली में हमें पॉलिसी वापस लेने के लिए मजबूर किया गया. 
-मुझे खुशी है कि फोकस अब शिक्षा पर केंद्रित हो गया. अमित शाह हाल में स्‍कूल देखने गए, शायद इससे पहले नहीं हुआ होगा. 
-हम एक-दूसरे से सीखेंगे तभी तो देश आगे बढ़ेगा. मैं दूसरे लोगों से यहां तक कि बीजेपी के लोगों से भी सीखने को तैयार हूं. 

- हम लूटते नहीं है, इसलिए हम लोगों को सुविधाएं देते हैं और हमारा बजट भी प्राफिट में जाता है.
-130 करोड़ लोगों का देश, लेकिन ओलिंपिक में हमारे गिने चुने मेडल आते हैं. खेल संघों पर नेताओं के बेटा काबिज हैं, ये केवल खेलों को लूटने के लिए बैठे हैं. हमने स्‍पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई और इसमें खेल से जुड़े लोगों को इसमें जगह दी. 
-खेल मॉडल आया है, उड़ीसा ने हॉकी को अडॉप्‍ट किया. ऐसा हम और राज्‍यों से भी कर सकते हैं. हर राज्‍य को दो-दो खेल दे दो. देश में खेलों की हालत इससे सुधर जाएगी.

-जिस तरह से दिल्‍ली में बदलाव किया. अगर गुजरात में सत्‍ता में आने का मौका मिला तो इसी तरह से वहां भी बदलाव करेंगे.  

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