दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी अरुण पिल्लई को कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पिल्लई को 13 मार्च तक ED की हिरासत में भेजने के आदेश दिए हैं. ED ने पिल्लई की 7 दिन की हिरासत की मांग की थी. जांच एजेंसी का कहना था कि पिल्लई जांच में सहयोग नहीं कर रहा. गौरतलब है कि ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे.
बता दें, सीबीआई ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और वह 20 मार्च न्यायिक हिरासत में हैं.
ईडी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के 51 वर्षीय नेता से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ले ली है. सिसोदिया जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं. माना जा रहा है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने तथा दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की. ईडी ने अदालत में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे. अगर जांच अधिकारी को ‘‘यह मानने की वजहें'' मिलती हैं कि व्यक्ति धन शोधन के अपराध का ‘‘दोषी'' है तो ईडी पीएमएलए की धारा 19 लगा सकती है जिसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है.सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित गड़बड़ी के संबंध में उनका सामना उनके पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण से कराया था.
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