पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुख्यमंत्री पद से विदाई के बाद उनके धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे ने कांग्रेस आलाकमान की चिंताएं और बढ़ा दी हैं. इस बीच, पंजाब प्रदेश कांग्रेस (Punjab Congress) कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने बुधवार को कहा कि वह उन्हें दिए गए ''सम्मान'' के लिए हमेशा कांग्रेस आलाकमान के आभारी रहेंगे. साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वह ''कभी भी समझौता नहीं कर सकते.'' सिद्धू ने कहा कि जो लोग पंजाब के लिए उनके प्यार को समझते हैं वे कभी उन पर कोई आरोप नहीं लगाएंगे.
सिद्धू ने ट्विटर पर अपना वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने पंजाब से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की. सिद्धू ने कहा, ''मुझे पंजाब से इश्क है और जो इसे समझते हैं वो कभी मुझ पर कोई आरोप नहीं लगाएंगे. हर जगह मेरी प्रतिभा को नजरअंदाज किया गया. राजनीति में पांच को 50 बनाया जा सकता है और 50 को शून्य में बदला जा सकता है.''
सिद्धू 14 अक्टूबर को पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे और पार्टी की राज्य इकाई से जुड़े संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा होगी.
बता दें कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस की पंजाब इकाई में सियासी खींचतान से आलाकमान परेशान है. सिद्धू के इस्तीफे से सियासी पारा और चढ़ गया है. सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे.
उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं.'' कांग्रेस आलाकमान ने अब तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.
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