लोकतांत्रिक देश में विरोध करने का सबको हक, लेकिन पत्थरबाजी न करें : शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने दिल्ली में जामा मस्जिद के पास हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि जो भी वाकया हुआ, वह अचानक हुआ, वे कौन लोग थे, पता नहीं

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शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि नाराजगी पूरे मुल्क में है, लेकिन जहां प्रदर्शन हो, वहां प्रशासन से इजाजत लेना जरूरी है.

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर (Prophet) पर की गई टिप्पणियों को लेकर आज देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन (Protest) हुए. इस मुद्दे पर NDTV से बातचीत में दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी (Shahi Imam Syed Ahmed Bukhari) ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत के बाद. कुछ शहरों में पथराव हुआ. विरोध प्रदर्शन करने से पहले लोगों को इस पर गौर कर लेना चाहिए. हमें पत्थरबाजी और इन चीजों से परहेज करना चाहिए. 

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने दिल्ली में जामा मस्जिद के पास हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि ''जो भी वाकया हुआ, यह अचानक हुआ, किसी को भी नहीं मालूम था. जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए आए लोगों की तादाद बहुत कम थी. लोगों ने बताया कि अधिकतम 50 लोग होंगे. वे जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद बाहर निकले और उन्होंने अपने जेब से कुछ पेपर निकाले. वे उन पेपरों को हाथ में लेकर नारे लगाने लगे. वे कौन थे, कहां से आए थे और उनका किससे ताल्लुक था, यह मैं तो नहीं कह सकता. सब अचानक हुआ लेकिन कल रात से इसकी अफवाहें फैल रही थीं. लोगों ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी चल रहा था कि बंद रखें. मुख्तलिफ किस्म की बातें सोशल मीडिया पर थीं. कुछ लोग मेरे पास आए, वे मार्केट भी बंद करना चाहते थे. मैंने उन्हें समझाया कि हालात ठीक नहीं हैं, मुनासिब नहीं होगा कि मार्केट बंद किए जाएं. उन्होंने बात मान ली.''           

उन्होंने कहा कि ''जामा मस्जिद से निकले लोगों ने 15-20 मिनिट नारे लगाए और उसके बाद वे चले गए. लेकिन उनका किस पार्टी से ताल्लुक था, कौन थे, यह मैं नहीं कह सकता. एक चैनल ने खबर चलाई कि वे फलां पार्टी के थे. यह आपस में गलत फहमियां फैलाने के लिए खबर चलाई गई.'' 

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शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ''नाराजगी तो पूरे मुल्क में है. नाराजगी अपनी जगह है लेकिन जहां प्रदर्शन हो, वहां प्रशासन से इजाजत लेना जरूरी है. पुलिस बताएगी कि प्रदर्शन हो सकता है या नहीं. लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत लेने के बाद. यहां दिल्ली में किसी ने कोई इजाजत नहीं ली और न हमारे पास कोई सूचना थी.''    

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उन्होंने कहा कि ''जो लोग नारे लगाने आए थे, उनकी सही तादाद मुझे नहीं मालूम है. भीड़ जब हो तो कुछ लोग तमाशाई भी होते हैं, कुछ देखने लगते हैं कुछ उसमें शामिल हो जाते हैं.'' उन्होंने कहा कि ''कुछ शहरों में पथराव हुआ. विरोध प्रदर्शन करने से पहले लोगों को इस पर गौर कर लेना चाहिए. हमें पत्थरबाजी और इन चीजों से परहेज करना चाहिए.'' 

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